नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा नहीं है। गौरतलब है कि कल पार्टी ने निर्णय लिया था कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करेंगे। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की गुरुवार को हुई बैठक में पार्टी ने राहुल को पीएम उम्मीदवार घोषित करने के बजाए उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।सीडब्ल्यूसी की बैठक में ज्यादातर नेताओं ने राहुल को पीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग उठाई। सबसे पहले केरल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चैन्निथला ने राहुल ने नाम पर मुहर लगाने को कहा। इसके बाद महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा भी बोलीं। जब सभी वक्ता लगातार यह मांग करने लगे, तो कांग्रेस अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए इस मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस में प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा नहीं है।बैठक के बाद पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार यह जरूरी नहीं कि एक पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार घोषित करने के बाद हम भी उनके अनुरूप उम्मीदवार घोषित करें। वह बोले, लोकसभा चुनावों के चुनाव प्रचार अभियान की अगुवाई राहुल करेंगे। यह सवाल किए जाने पर कि क्या चुनाव जीतने की स्थिति में राहुल प्रधानमंत्री बनेंगे, उन्होंने कहा कि पार्टी में सोनिया गांधी के बाद दूसरा स्थान राहुल गांधी का है।बहरहाल, लोकसभा चुनाव राहुल की अगुवाई में लड़ने का ऐलान कर कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के तुलना से बचने की कोशिश की है। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को यह संकेत दिया है कि राहुल गांधी भविष्य के नेता हैं। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस में कभी यह प्रश्न नहीं उठा कि जीत के बाद प्रधानमंत्री कौन होगा।2004 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जनादेश मिला था, पर उन्होंने पीएम बनने से इनकार कर दिया। 2009 में मनमोहन सिंह को इसलिए घोषित किया था क्योंकि, पिछले पांच साल से वह पीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।