राष्ट्रीयलखनऊ

कालेज में प्रवक्ता बनाने के नाम पर दो लाख की ठगी

fraudलखनऊ। नौकरी दिलाने के नाम पर एक विकलांग बेरोजगार युवक से दो लाख रूपये ठग लिये। बेरोजगार युवक बैंक से लोन व मां के जेवर गिरवी रख जालसाज को रूपये दिये थे। महीनों बाद युवक को नौकरी नहीं मिली तो वह जालसाज से सम्पर्क किया। इस पर जालसाज ने उसे जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। गुरुवार पीड़ित युवक एसएसपी कार्यालय पहुंचा और शिकायत की। मामले में एसएसपी ने हजरतगंज कोतवाली में जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिये हैं। सूत्रों का कहना है कि इस गिरोह में इण्टर कालेज का एक प्रवक्ता भी शमिल है। मूल रुप से अमेठी का रहने वाला दलित युवक दिनेश प्रताप एक पैर से विकलांग है। जो लखनऊ विश्वविद्यालय से 2011 में समाज कार्य से एमफिल की पढ़ाई पूरी की थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद दिनेश नौकरी की तलाश कर रहा था। तभी सचिवालय के पास उसकी मुलाकात प्रेम शंकर त्रिपाठी नामक एक व्यक्ति से हुई। जिसने खुद को समाज कल्याण विभाग का अफसर बताया। साथ ही बताया कि विभाग द्वारा संचालित होने वाले कालेजों में वह प्रवक्ता की नौकरी दिला देगा। दिनेश जालसाज के झांसे में आ गया। जिसके बाद वह दिनेश को लेकर सचिवालय के भीतर राज्य संपत्ति कार्यालय में गया। जहां दिनेश को वह प्रवक्ता का फार्म दिया और नौकरी दिलाने के एवज में दो लाख रुपयों की मांग की। गरीबी के दौर में अपनी पढ़ाई पूरी करने वाला दिनेश उसके झांसे में पूरी तरह से फांस गया। दिनेश के लिए दो लाख रुपया जुटना टेढ़ी खीर थी। पर दिनेश नौकरी के लालच में गांव पहुंचा और वहां प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत बैंक से 1 लाख 80 हजार रुपए लोन लिए। बाकी के 20 हजार के लिए मां के गहने गिरवी रख दिये। जिसके बाद वह लखनऊ आ गया। प्रेमशंकर ने उसकी मुलाकात कृष्ण मुरारी शुक्ला नाम के एक व्यक्ति से कराई। उसे विभाग का निदेशक बताते हुए पैसे देने को कहा। भविष्य को सुनहरा होता देख दिनेश ने आधे पैसे उसे दे दिए। कुछ दिन बीते की चन्द्र प्रकाश शुक्ला नामक एक व्यक्ति सामने आया जो खुद को निदेशक का कारीबी और उन्नाव में डिग्री कालेज का प्रफेसर बताया। उसने झांसा दिया कि निदेशक ने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिया है लेकिन पूरे रूपये मिलने पर ही वह फाइल आगे बढ़ेगी। इस पर दिनेश ने बाकी के रूपये भी उसे दे दिया।

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