किडनैप कर मारे गए शहीद औरंगजेब के घर पहुंचीं रक्षामंत्री, कहा- ये परिवार पूरे देश के लिए प्रेरणा
बीते दिनों आतंकियों के द्वारा किडनैप कर मारे गए सेना के जवान शहीद औरंगजेब के परिवार से मुलाकात करने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ पहुंचीं. निर्मला ने यहां औरंगजेब के घर उनके परिजनों से मुलाकात की. निर्मला ने काफी देर तक औरंगजेब के पिता से बात की. शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज मैंने औरंगजेब के परिवार के साथ समय बिताया, ये परिवार पूरे देश के लिए प्रेरणा है.
इससे पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी उनके परिवार से मुलाकात की थी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सीजफायर खत्म होने से एक दिन पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब को मार दिया था.
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए जाने के बाद मार दिए गए राइफलमैन औरंगजेब को पुंछ जिले के सलानी गांव में भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी नारों के बीच रविवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. गमगीन माहौल के बावजूद जवान के परिवार में देश सेवा का हौसला बना हुआ है.
कैसे हुई थी औरंगजेब की हत्या?
14 जून की सुबह औरंगजेब ईद मनाने के लिए अपने राजौरी में स्थित अपने गांव जा रहे थे. इसी दौरान पुलवामा के कालम्पोरा से आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था.
14 जून की शाम पुलिस और सेना के संयुक्त दल ने औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु नाम के एक गांव में बरामद किया था. उनके सिर और गर्दन पर गोलियां मारी गई थीं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक शहीद जवान की हत्या से पहले उन्हें टॉर्चर भी किया गया था.
पूर्व सैनिक हैं पिता, दिखाया जज्बा
औरंगजेब के पिता और जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के पूर्व सिपाही मोहम्मद हनीफ ने कहा, ‘‘मेरे बेटे ने देश के लिए अपना प्राण न्यौछावर किया, वह बहादुर जवान था. मैं और मेरे बेटे भी देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.’’
औरंगजेब के चार भाइयों में सबसे छोटे 15 वर्षीय आसिम अपने भाई की हत्या से टूटे नहीं हैं और वह अपने बड़े भाई की तरह ही सेना में शामिल होना चाहते हैं.
औरंगजेब को जब अगवा किया गया उस वक्त आसिम उनसे फोन पर बात कर रहे थे.असिम ने कहा, ‘‘मेरा भाई निजी गाड़ी से पुंछ आ रहा था, वह मुझसे बात कर रहे थे. मैंने गाड़ी रूकवाने की आवाज सुनी. मुझे लगा कि कुछ जांच हो रही है, मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि मेरे निहत्थे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है. ’’