ज्ञान भंडार
किताब को पढ़ने के लिए उसे खोलने की जरूरत नहीं, रच दिया इतिहास
कहा जाता है न कि किताब को किताब के कवर पेज से जज मत करो। अब ये कहावत बदल गई है। अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च से ये पता लगा लिया है कि किताब को खोले बिना उसे पढ़ा जा सकता है।
एमआईटी (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के कुछेक रिसर्चर्स ने एक कल्पना कीजिए प्रणाली तैयार किया है। जिसके तहत किताब को बिना खोले पढ़ना संभव है। आपको बता दें आज तक ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि किताब को खोले बिना उसे पढ़ा जा सके।
पहल ने इतिहास रच दिया है।
रमेश रस्कर, जो कि इस रिसर्च से जुड़े हुए हैं, ने बताया कि, “किताब को बिना खोले पढ़ने की तकनीक Terahertz Radiation की मदद से संभव है. इसके कारण किताब के अक्षरों को किताब को बिना खोले पढ़ा जा सकता है।”
आखिर क्या होगा फायदा?
दरअसर यह तकनीक इसलिए ईजाद की गई है, ताकि सालों साल से लिखे हुए जिन दस्तावेजों के पन्ने पलटते ही टूटने लगते हैं, उन्हें एक तो संजो कर रखा जा सकेगा और उन्हें बिना खोले ही पढ़ा जा सके। इससे वो किताबें कुछ और समय तक बची रह सकेंगी।
MIT के बरमाक हशमात ने बताया कि, “न्यूयॉर्क के मेट्रोपोलिटन म्यूज़िम ने इसको लेकर संजीदगी भी दिखाई है। ये म्यूज़ियम प्राचीन पुस्तकों को पढ़ने के लिए यह तकनीक मुहैया करवाना चाहता है।
यहां एक वीडियो दिखा रहे हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे किताब को पढ़ा जा सकता है:
ये रिसर्च Nature Communications में प्रकाशित हुई है। शोधकर्ताओं ने एल्गोदिरम विकसित किया है। इसमें एक निश्चित पेज को पढ़ने के लिए कैप्चा की तरह इमेज की आवश्यकता होगी। इस तरह से किताब बंद होने के बाद भी पढ़ी जा सकेगी।
वैज्ञानिकों की इस तरह की पहल एक तरह से पुरानी किताबों को बचाने की ओर एक कदम ही है।