किसानों, मजदूरों और मिडिल क्लास के लिए मोदी सरकार के अंतरिम बजट में कई लोकलुभावन घोषणाएं की गईं।कई नई योजनाएं शुरू की गई तो कई का बजट बढ़ाया गया, लेकिन सरकार की कई प्रमुख योजनाओं का बजट कम भी किया गया है।
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव सिर पर है और उससे पहले मोदी सरकार ने अंतरिम बजट के जरिए एक नया दांव चल दिया। शुक्रवार को वित्त मंत्री पीयूष गोयल के पिटारे से किसानों, मजदूरों और मिडिल क्लास के लिए तोहफे निकले। इसके दम पर अब बीजेपी जनता का दिल जीतने का दावा कर रही है। वहीं, अर्थशास्त्री और विपक्षी पार्टियों ने सरकार के लोकलुभावन घोषणाओं पर निशाना साधा. इनका मानना है कि सरकार इसके लिए पैसा कहां से लाएगी। इसके लिए मोदी सरकार ने कई प्रमुख योजनाओं की बजट में कटौती की है। मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना समेत कई ड्रीम प्रोजेक्ट्स में कटौती की है। इनका पैसा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, कामधेनु योजना समेत कई नई योजनाओं में खर्च किया जाएगा।
इन योजनाओं का हुआ ऐलान
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि – दो हेक्टेयर से कम जमीन वालों को मोदी सरकार ने सलाना छह हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। यह मदद तीन किश्तों में दी जाएगी। इसके लिए करीब 75 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि किसानों को मदद देने के लिए यह पैसा कम पड़ेगा। खैर, इस बार सरकार ने कृषि को 1.49 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना – असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना यानि पेंशन योजना की शुरुआत की है। इसके तहत उन्हें 3000 रुपये हर महीने पेंशन मिलेगी, लेकिन इसके लिए लोगों को इसमें पहले योगदान करना होगा और फिर उसे पेंशन मिलेगी। इस योजना समेत कई पेंशन योजनाओं के लिए सरकार ने 1.74 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। कामधेनु योजना- मोदी सरकार ने कामधेनु योजना की शुरुआत की, इसके तहत सरकार किसान क्रेडिट कार्ड देगी, जिसमें गाय पालने वालों को हर महीने 500 रुपए दिए जाएंगे। कामधेनु योजना पर 750 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
इन योजनाओं में की गई कटौती
स्वच्छ भारत मिशन- पीएम मोदी की प्रमुख योजनाओं में शुमार स्वच्छ भारत मिशन को पिछले साल 2018-19 में 16 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन इस बार इसके बजट में कटौती की गई है। सरकार का दावा है कि भारत ने 98 फीसदी ग्रामीण स्वछता कवरेज हासिल किया गया है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट- गंगा को निर्मल करने के लिए चलाई जा रही मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक नमामि गंगे के बजट को कम किया गया है। 2018-19 में इस प्रोजेक्ट के लिए 2250 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन इसमें से केवल 700 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। अंतरिम बजट में सरकार ने इस योजना से करीब 1500 करोड़ रुपये दिए हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना- युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का बजट भी कम किया गया है। अंतरिम बजट में इस योजना के लिए 2989 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। जबकि 2018-19 में इस योजना का बजट 3400 करोड़ रुपये था। इसके अलावा भी कई प्रमुख योजनाओं का बजट कम किया गया है।