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किसानों, व्यापारियों और स्व-रोजगार वालों के लिए शुरू की पेंशन योजना, जानिए खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे किसानों, व्यापारियों और स्व-रोजगार करने वालों के लिए पेंशन योजना की गुरुवार को झारखंड के रांची से शुरुआत कर दी है। किसानों के लिए पीएम किसान मान धन योजना की शुरुआत करते हुए मोदी ने लोगों से कहा कि वो इस योजना का लाभ लेने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण करवाएं। इस योजना के तहत 60 साल पूरे करने वाले किसानों को हर माह तीन हजार रुपये की पेंशन मिलेगी।

यह है खासियतें
18 से 40 वर्ष तक के लघु व सीमांत किसानों को ही लाभ मिल सकेगा।
किसान अपना आधार कार्ड व बैंक पासबुक ले जाकर कॉमन सर्विस सेंटर पर पंजीकरण करा सकते हैं।
किसान को आयु के अनुसार न्यूनतम 55 रुपये से लेकर अधिकतम 200 रुपये प्रति माह किस्त भरनी होगी।

सरकार की योजना पहले तीन साल में 5 करोड़ किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने की है।
तीन साल के लिए 10,774 करोड़ रुपये का प्रावधान
देश में लगभग 14.5 करोड़ किसान हैं।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू होगी योजना।
किसान की पत्नी को भी अलग से मिलेगी पेंशन। देना होगा प्रीमियम
एलआईसी करेगी योजना का संचालन

छोटे कारोबारी व स्वरोजगारी
डेढ़ करोड़ से कम के सालाना कारोबार वाले छोटे कारोबारी व वकील, डॉक्टर जैसे लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

कामगारों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध होगी।
18 से 40 वर्ष का कोई भी कारोबारी इस योजना का लाभ उठा सकेगा।
40 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को देना होगा जीएसटी नंबर

पीएम किसान सम्मान निधि योजना
केंद्र सरकार ने पीएम-किसान सम्मान योजना भी चला रखी है, जिसके तहत किसानों को एक साल में तीन किस्तों में कुल छह हजार रुपये मिलेंगे। इसका नोटिफिकेशन आठ जून को जारी किया था। कैबिनेट की पहली बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया था। इस बैठक में किसानों के अलावा छोटे व्यापारी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को तीन हजार रुपये की पेंशन देने का भी फैसला लिया गया था।

यह लोग नहीं होंगे शामिल
इस योजना का लाभ जिन लोगों को नहीं मिल सकेगा उनमें संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार, राज्य / केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। डॉक्टर, इंजीनियर और वकील के साथ-साथ 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों और अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों लाभार्थियों की पहचान करने को कहा है। राज्यों को यह भी पहचान करनी होगी कि कौन से लोग इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं।

87 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च
संशोधित योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में इस पर अनुमानित रूप से 87,217.50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। साथ ही इसके दायरे में दो करोड़ और किसानों को लाया जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘मौजूदा भूमि स्वामित्व प्रणाली’ का उपयोग करने के लिए कहा है ताकि लाभार्थियों की पहचान की जा सके और पीएम-किसान पोर्टल पर परिवार के विवरण अपलोड होने के बाद लाभ का अंतरण किया जा सके।

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