उत्तराखंड

कूड़ा बीनने वाले बच्चों ने उत्तराखंड बोर्ड में गाड़े सफलता के झंडे

slum-kids-get-good-marks-in-uttarakhand-board-exam_1464326903कल तक जो बच्चे कूड़ा बिनते थे और घर-घर काम करके दो पैसे कमाकर अपना पेट और परिवार का पेट पालते थे।
 

उन बच्चों ने प्रेरणा और अवसर मिलने पर बोर्ड परीक्षा में कामयाबी के झंडे गाड़कर साबित कर दिया कि प्रतिभा न तो पैसे की मोहताज होती है और न ही यह किसी खास वर्ग की जागीर।

मद्रासी कॉलोनी स्थित एग्नेस कुंजे सोसायटी कूड़ा बिनने वाले और मेहनत मजदूरी करने वालों के बच्चों को शिक्षित कर रहा है।

सोसायटी सैकड़ों बच्चों को स्कालरशिप प्रदान कर विभिन्न स्कूलों में पढ़ने का मौका दिया। इन बच्चों ने सोसायटी की मदद को जाया नहीं जाने दिया।

एग्नेस कुंजे सोसायटी के लारेंस सिंह, मंजू लारेंस व बिंद्रा राणा ने बताया कि हाईस्कूल परीक्षा में साहिल गजवान 77.8 फीसदी, शिवानी कैरी ने 63.2, सुमित ने 60 फीसदी अंक हासिल किए हैं।

नेहा कुमारी ने भी अच्छे अंक पाए हैं। इंटरमीडिएट में प्रवींद्र गुप्ता ने 75.4 फीसदी व अतुल ने 72.2 फीसदी अंक हासिल किए हैं।

इसके साथ ही अरुण कुमार, सोनू कुमार ने भी शानदार अंक पाए हैं। बेहद गरीब और उपेक्षित परिवारों के आठ बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं।

कुछ समय पहले तक ये बच्चे बाल मजदूरी तक किया करते थे। अब ये चिकित्सक, आईएएस, इंजीनियर, शिक्षक, उद्यमी व वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।

 
 

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