केंद्रीय मंत्री- कश्मीर में पाबंदियां केवल कुछ इलाकों तक सीमित, कहीं एक गोली भी नहीं चली
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश केवल कुछ ही थाना क्षेत्रों तक सीमित हैं और वहां पुलिस फायरिंग या आंसू गैस इस्तेमाल करने का कोई मामला सामने नहीं आया है। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद राज्य के हालात पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने मंगलवार को कहा कि ज्यादातर इलाकों से पाबंदियां हटा ली गई हैं। अब सिर्फ 13 से 14 थाना क्षेत्रों तक ही यह आदेश सीमित हैं। सबसे अहम यह है कि इन इलाकों में एक भी गोली नहीं चली और न ही कोई घायल हुआ।
केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि क्या कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालातों पर कोई चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्य प्रशासन दैनिक आधार पर मीडिया को जानकारी दे रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने के 30 दिन बाद मंगलवार को ज्यादातर इलाकों में पाबंदियों में ढील दे दी गई है, लेकिन बाजार अब भी बंद दिखे और सड़कों पर सार्वजनिक यातायात भी शुरू नहीं हो सका है। श्रीनगर में अधिकारियों ने बताया कि दिन के समय घाटी के 90 फीसदी इलाकों में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है। 92 पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और यहां हालात जल्द सुधर रहे हैं।
घाटी में सरपंचों को दो लाख का बीमा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सरपंचों और पंचों को दो लाख बीमा और पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिया है। मंगलवार को राज्य के सरपंचों व पंचों के प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री से मुलाकात की। शाह ने हरेक पंचायत से पांच लोगों को नौकरी देने का वादा करते हुए कहा कि राज्य में पंचायत व्यवस्था मजबूत करने में धन और सुविधाओं की कमी नहीं की जाएगी।
नॉर्थ ब्लाक स्थित गृहमंत्रालय भवन में करीब 40 मिनट हुई बैठक में शाह ने अगले 20 से 25 दिन में घाटी में मोबाइल सेवा समेत सभी सुविधाएं बहाल करने का भी भरोसा दिया। शाह ने एक बार फिर कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य होते ही उसके राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाएगा।