केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- इंटरनेट मौलिक अधिकार नहीं, देश की सुरक्षा भी जरुरी
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि इंटरनेट के मौलिक अधिकार होने की जो गलत धारणा है उसे ठीक करने की जरूरत है। देश की सुरक्षा भी उतना ही महत्वूर्ण है। केंद्रीय संचार और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि इंटरनेट के जरिये विचारों का संचार अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी वकील ने यह दलील नहीं दी कि इंटरनेट का अधिकार मौलिक अधिकार है। इसतरह की गलत धारणा को ठीक करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके विचारों के संचार के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल भी अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का हिस्सा है।’
‘कश्मीर में इंटरनेट की वजह से बढ़ा आतंकवाद’
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात से कोई भी इन्कार नहीं कर सकता कि हिंसा और आतंकवाद फैलाने के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग हो रहा है। कश्मीर में पाकिस्तान यह कर रहा है और आइएस भी इंटरनेट की वजह से बढ़ा। उन्होंने कहा, ‘एक ओर जहां इंटरनेट का अधिकार अहम है, देश की सुरक्षा भी उतनी ही अहम है..क्या हम इससे इन्कार कर सकते हैं कि आतंकवादी हिंसा करने के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग कर रहे हैं। कश्मीर में सीमा पार से इंटरनेट के जरिए अशांति फैलाने की कोशिश की गई है।’
‘संविधान हमें अधिकार देता है, नियंत्रण भी जरूरी’
प्रसाद ने जोर देकर कहा कि जो संविधान हमें अधिकार देता है, वह इसके नियंत्रण पर भी उतना ही जोर देता है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के एक पूरक प्रश्न के जवाब में प्रसाद ने कहा, ‘इंटरनेट का इस्तेमाल करें लेकिन आप हिंसा नहीं भड़का सकते..और देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को कमजोर नहीं कर सकते।’