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नई दिल्ली : चुनाव आयोग के समक्ष पेश हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर गलत जानकारी देने आरोप में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर मुकदमा चलाया जाए या नहीं, इस पर अदालत आज दोपहर 2 बजे अपना निर्णय सुनाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एक जून को केंद्रीय मंत्री ईरानी के खिलाफ दाखिल शिकायत पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। ईरानी के खिलाफ अदालत में यह शिकायत स्वतंत्र लेखक अहमर खान ने दाखिल की है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री ईरानी ने लोकसभा और बाद में राज्यसभा के चुनाव के लिये नामांकन पत्र दाखिल करते समय चुनाव आयोग के समक्ष पेश तीन हलफनामे पेश किये थे, जिनमे उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग अलग ब्यौरा दिया है। शिकायतकर्ता खान की ओर से अधिवक्ता के.के. मनन ने अदालत को बताया कि अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल अपने हलफनामे में ईरानी कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्राचार से बीए किया, जबकि 11 जुलाई 2011 को गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए आयोग के समक्ष दाखिल एक अन्य हलफनामे में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता डीयू के पत्राचार से बीकॉम पार्ट वन है। शिकायत में यह भी आरोप है कि 16 अप्रैल 2014 को अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के वक्त दाखिल हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बीकॉम पार्ट 1 पूरा किया है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि इससे साफ है कि केंद्रीय मंत्री ईरानी की ओर से दाखिल तीन में से कोई एक ही हलफनामा सही है।