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केंद्र के कई अहम फैसलों पर महबूबा सरकार ने साधी चुप्पी
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार होने के बावजूद केंद्र सरकार के कई फैसले ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं। न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सरकार चलाने के दावे कायम हैं, लेकिन, केंद्र के जम्मू-कश्मीर से जुड़े कई फैसले लागू नहीं हो पा रहे हैं। कश्मीर हिंसा के बाद तेजी से सामान्य हो रहे हालात के बाद अब केंद्र के निर्णयों को लागू करने के मुद्दे पर दोनों दलों में खिंचाव महसूस किया जाने लगा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने पाकिस्तान की गोलाबारी से मारे जाने वाले ग्रामीणों के परिवारों के लिए मुआवजे की राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी थी। पर तीन महीने पहले हुए इस फैसले को अब तक रियासत में लागू नहीं किया जा सका है।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा बार-बार किए जा रहे सीजफायर उल्लंघन के क्रम में सरहदी गांव के कई परिवार उजड़ गए, लेकिन, रियासत सरकार की ओर से बढ़ी हुई दर पर मुआवजा नहीं दिया गया। रियासत सरकार के अधिकारी कहते हैं कि केंद्र से इस संबंध में कोई निर्देश नहीं आया है।