केंद्र सरकार बंद कर सकती है ये 4 बड़े बैंक, कहीं आपका भी एकाउंट तो नहीं इनमें
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जब से हमारे देश में बीजेपी की सरकार बनी है तभी प्रधानमंत्री ने आए दिन देश के लिए कई सारे बड़े फैसले किए है जो देश के हित में हैं वहीं आपको ये भी बता दें कि पीएम मोदी के द्वारा लिए गए इन फैसलों से देश में फैले भ्रष्टाचार और कालाधन जैसे मामले खत्म होने की कगार पर है। अगर आपको याद होगा तो मोदी सरकार ने जब आधी रात को नोटबंदी का फैसला लिया था तभी हर किसी के होश उड़ गए थें।
लेकिन वहीं अब एक बार फिर से पीएम मोदी बैंको को लेकर फैसला करने वाले हैं जिसे जानने के बाद आपके भी होश उड़ जाएंगे बता दें कि मोदी जी ये फैसला बैंकों की सेहत सुधारने के लिए लेने वाले है। खबरें है कि बहुत जल्द ही मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है जो आपके होश उड़ा सकता है। वहीं आपको ये भी बता दें कि फिल्हाल केंद्र सरकार एक मेगा मर्जर प्लान पर जोरों सोरों से लगी हुई है जिसके अंतर्गत सरकार देश की 4 बड़ी बैंको को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।
बताया जा रहा है कि इसके अंतर्गत ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और IDBI को बंद कर सकती है। वैसे आपको बता दें कि इस खबर से घरबराने की कोई आवश्यकता नहीं है अगर आपका इन बैंकों में खाता है तो मोदी सरकार इन 4 बैंको को खत्म करके एक बड़ा बैंक बनाने की तैयारी कर रही है इसलिए आप निश्चिंत रहें क्योंकि आपका पैसा सुरक्षित है।
बताया जा रहा है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि वित्तीय वर्ष 2018 में इन चारों बैंकों को मिलाकर 21646 हजार करोड़ रूपये का घाटा हुआ है जिसकी वजह से सरकार को इन बैंकों को एक करना पड़ रहा है। वहीं आपको ये भी बता दें कि अगर सरकार ये फैसला ले लेती है तो SBI के बाद यह बैंक देश का दूसरा बड़ा बैंक बन जायेगा। सुत्रों का कहना ये भी है कि ऐसी स्थिति में बैंको की हालत सुधरने में आसानी मिलेगी और साथ ही कमजोर बैंकों की वित्तीय हालत में काफी हद तक सुधार देखने को मिल सकता है।
वहीं आप सभी ये तो जानते ही हैं कि केंद् सरकार कोई भी फैसला देश व जनता के हित में ही लेती है जिससे जनता का भी भला हो इसलिए आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सरकार के इन बड़े फैसलों से इन बैंकों की वित्तीय हालत में तो सुधार आएगा ही साथ ही में इन बैंकों की जो खस्ता हालत हो रही है उसमें भी सुधार आएगा।
इस कदम के बाद कमजोर बैंकों को अपनी एसेट बेचने में सहायता मिलेगी। इसी के साथ बैंको के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जायेगा और कर्मचारियों की छटनी में आसानी भी मिलेगी। सरकारी बैंकों में से सरकार का खास जोर आईडीबीआई बैंक पर है क्योंकि, इसमें सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार अपनी इस पूरी हिस्सेदारी को बेचने की योजना बना रही है।