मुंबई. राज्य के कृषिमंत्री एकनाथ खडसे ने कहा है कि केंद्र सरकार सूखा प्रभावित किसानों की मदद के लिए करीब तीन हजार करोड़ रुपए की राशि जल्द राज्य सरकार को उपलब्ध कराएगी। राज्य ने केंद्र से 4 हजार करोड़ की मांग की थी। इसमें से 920 करोड़ मिल चुके हैं। शेष राशि जल्द देने का भरोसा दिया गया है। खडसे ने बुधवार को बताया, “मैंने शेष धनराशि को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और कृषिमंत्री राधामोहन सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की। गृहमंत्री ने बताया कि प्रदेश का जायजा लेने गए केंद्रीय दल का प्रस्ताव सप्ताह भर में आएगा, जिसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि केंद्र ने साल भर चारा, पानी व मनरेगा के जरिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लगने वाली राशि की भरपाई करने का भरोसा दिया है। केंद्र सरकार अब उड़द, मूंग व सोयाबीन जैसी कम अवधि वाली फसलों की नुकसान भरपाई और बीमा किस्त का भुगतान किसानों को करेगी। इन फसलों के नुकसान की भरपाई अब तक केंद्र नहीं देता था।
“किसान आत्महत्या पर गंभीर नहीं है सरकार’
बॉम्बे हाईकोर्ट किसान आत्महत्या के मसले पर राज्य सरकार के रुख से संतुष्ट नहीं है। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस एसबी सुक्रे की बेंच ने बुधवार को कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं लग रही है। बेंच ने पिछली सुनवाई में सरकार से आत्महत्या करने वाले किसानों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी। मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी यह जानकारी पेश नहीं कर सके। व्याज्ञानी ने कहा कि उनके पास अभी जरूरी आंकड़े नहीं आए हैं। इस पर बेंच ने कहा कि हमने जो जानकारी मांगी थी वह कलेक्टर आफिस से सप्ताह भर में हासिल की जा सकती है, फिर भी हमने सरकार को इसके लिए एक माह का समय दिया था। इसके बावजूद सरकार यह जानकारी पेश नहीं कर सकी।
इसके मद्देनजर बेंच ने सरकार के एक अधिकारी को गुरुवार को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया। साथ ही औरंगाबाद विभागीय आयुक्त से आत्महत्या करने वाले किसानों के बारे में जानकारी देने को कहा। उल्लेखनीय है कि किसान आत्महत्या को लेकर छपी खबर का हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट किसान आत्महत्या के मसले पर राज्य सरकार के रुख से संतुष्ट नहीं है। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस एसबी सुक्रे की बेंच ने बुधवार को कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं लग रही है। बेंच ने पिछली सुनवाई में सरकार से आत्महत्या करने वाले किसानों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी। मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी यह जानकारी पेश नहीं कर सके। व्याज्ञानी ने कहा कि उनके पास अभी जरूरी आंकड़े नहीं आए हैं। इस पर बेंच ने कहा कि हमने जो जानकारी मांगी थी वह कलेक्टर आफिस से सप्ताह भर में हासिल की जा सकती है, फिर भी हमने सरकार को इसके लिए एक माह का समय दिया था। इसके बावजूद सरकार यह जानकारी पेश नहीं कर सकी।