लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने यहां कहा है कि नोएडा में अधिकारियों के साथ अभद्रता, धौंसपट्टी और हंगामा खड़ाकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जता दिया है कि उन्हें अपने पद की गरिमा की जरा भी चिन्ता नहीं है। उनका अराजक आचरण लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है और खुद भाजपा की प्रतिष्ठा भी गिराने वाला है। उत्तर प्रदेश से भाजपा के निर्वाचित मंत्रियों और सासदो को राज्य के विकास में मदद के लिए अपनी केन्द्र सरकार पर जोर देना चाहिए और प्रदेशीय नेतृत्व को भी इसका दबाव बनाना चाहिए। यदि लोकतंत्र में उनकी तनिक भी आस्था बची है तो उन्हें अपना अलोकतंत्रिक रवैया बदलना चाहिए। दुःखद है कि भाजपा नेतृत्व को अपने दायित्व का बोध नहीं रह गया है। केन्द्र की सरकार जिन वायदों के बल पर सत्ता में आई थी, उन्हें भूल गई। सात महीने की केन्द्र सरकार ने ऐसा जनहित का एक भी निर्णय नहीं लिया है जिसका उल्लेख किया जा सके। कई केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के प्रदेशीय स्तर के नेता इन दिनों ऐसा माहौल बनाने में लगे है जिससे प्रदेश में विकास की गति अवरूद्ध हो सांप्रदायिकता और सामाजिक तनाव बढ़े।
केन्द्र सरकार के मुकाबले उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार विकास की नई मंजिले हासिल कर रही है। केन्द्र सरकार मंहगाई पर रोक नहीं लगा सकी जिसके चलते आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों, नौजवानों, अल्पसख्ंयको सहित समाज के सभी वर्गो के कल्याण के तमाम निर्णय लिए हैं। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2012-13 में 33482 रूपए की प्रति व्यक्ति आमदनी के सापेक्ष वर्ष 2013-14 में 36250 रूपए प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ गई। भाजपा ने सबका विकास, सबका साथ का नारा दिया था लेकिन उत्तर प्रदेश के विकास के मामले में केन्द्र का रवैया पूर्णतया उपेक्षा का रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बराबर केन्द्र सरकार से कोटे की बिजली और बिजलीघरों के लिए कोयला आवंटन की मांग करते रहे है, केन्द्र ने कुछ नहीं किया। प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री जी ने सड़क निर्माण, सहकारी बैंकों के पुनरूद्धार तथा अन्य विकास योजनाओं के मद में केन्द्र से मदद की मांग की है, अब तक उस पर अनुकूल संकेत नहीं मिला है। भाजपा को यह तथ्य समझना चाहिए कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और बिना इसकी प्रगति के देश की प्रगति नहीं हो सकती है। केन्द्र और भाजपा का रवैया प्रदेश के विकास का विरोधी है। उत्तर प्रदेश की जनता केन्द्र सरकार और भाजपा इन दोनो का चरित्र अच्छी तरह पहचान गई है।