ये भी पढ़ें: शादी का झांसा देकर महाराष्ट्र से गोरखपुर लेकर आया, फिर नशा देकर कर दिया ऐसा
आईआरसीटीसी ने मुख्य रूप से भोजन की तैयारी और उसके वितरण के बीच अंतर के लिए अनबंडलिंग को अनिवार्य कर दिया है। यहीं नहीं रेलेवे अपने मोबाइल यूनिट के लिए रेलवे स्वामित्व वाली किचन से ही लेगा। साथ ही रेलवे स्टेशन के अलावा ट्रेनों के अंदर भी कैटरिंग सर्विस का निजीकरण नहीं करेगा।
विभिन्न स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर ‘जन आहार’ के तहत किफायती खाने में सुधार लाने के लिए आईआरसीटीसी प्रयासरत है जिसके लिए सभी स्टेशनों पर वह अपने किचन स्थापित करेगा।
ये भी पढ़ें: हॉस्टल के बाथरूम में छात्रा के साथ हुआ कुछ ऐसा कि शहरभर में मचा हड़कंप
वहीं रेलवे के मुताबिक, जोनल रेलवे में शामिल किचन और उनके रखरखाव को 10 साल के लिए रेलवे को सौंप दिया जाएगा जिसे पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता के सुधार के लिए हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री से अनुभवी प्रोफेशनल को शामिल करेगा।
यह बयान कैग की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि ट्रेनों में मिलने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि 2017 की नई कैटरिंग नीति के तहत अब आईआरसीटीसी सभी मोबाइल यूनिटों की कैटरिंग सेवाओं का प्रबंधन करेगा।
पेंट्री कार के ठेके फिर से रेलवे की कैटरिंग शाखा को दिए जाएंगे। सभी मोबाइल यूनिटों के लिए खाने को आईआरसीटीसी के उस नामांकित किचन से लिया जाएगा जो उसके स्वामित्व, संचालन और प्रबंधन वाला होगा।