उनके व्यवहार से तनाव साफ झलक रहा था। कैलाश मानसरोवर यात्रा से यहां लौटने के बाद हरिशरणम जन के प्रमुख स्वामी राम गोविंद दास भाई जी ने यह अनुभव साझा किए।
ल्हासा एयरपोर्ट से मानसरोवर तक चीनियों ने सुरक्षा के नाम पर 40 बार चेकिंग की। भाई जी का कहना था कि वे भगवान को पीतांबर चढ़ाने गए थे, लेकिन वहां उन्हें बर्फीले स्थान पर मोतियों की माला भगवान के प्रसाद के रूप में आश्चर्यजनक ढंग से मिल गई।
काठमांडू के रास्ते अप्रैल से लेकर अक्तूबर तक लोग तीन रास्तों से जाते हैं। नियातांग, सांगा से प्रयांग होते हुए गाड़ी से जाया जाता है। हवाई मार्ग की यात्रा नेपालगंज, हिल्सा सीमीकोट तक होती है। काठमांठू से ल्हासा के लिए भी हवाई यात्रा की सुविधा है।
इंडोनेशिया में मुस्लिमों के नाम हिंदू
स्वामी रामगोविंद दास ने बताया कि वह इंडोनेशिया के प्रमुख शहर बाली गए थे। यहां मुस्लिमों के नाम चंद्र और राम हैं। बाली में नवरात्रि पर नौ दिन छुट्टी घोषित है। लोग सामूहिक रूप से नवरात्र मनाते हैं। अभिवादन के लिए ओम स्वस्ति अस्तु कहते हैं। जबकि भारत में लोग राम-राम कहने में अपमान महसूस करते हैं।
मारीशस के लोग भारत भूमि के स्पर्श करने के इच्छुक
उन्होंने बताया कि वह हिंदू धर्म का प्रचार करने मारीशस गए थे। वहां के पूर्व उप प्रधानमंत्री प्रविंद जुगुन ने उनका स्वागत किया। लोग संत को पाकर काशी खुश थे। उनका कहना था कि वे भारत भूमि का स्पर्श करने से खुद को धन्य मानते हैं