हैदराबाद. दुनिया भर में कोविड के अलग-अलग स्ट्रेन देखने को मिले हैं, जिनकी वजह से संक्रमण के हल्के और गंभीर मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच हैदराबाद के डॉक्टरों ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल को कोरोना के वायरल लोड को तत्काल और प्रभावी तरीके से कंट्रोल करने के लिए चमत्कारिक बताया है. हैदराबाद शहर के अलग-अलग अस्पतालों में अभी तक कोविड के 100 मरीजों को एंटीबॉडी कॉकटेल दिया गया है और सब पर ये प्रयोग सफल रहा है. ज्यादातर मरीजों को उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया.
शहर के डॉक्टरों ने बताया कि कैसिरीमैब (Casirivimab) और इम्डेवीमैब (Imdevimab) दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवाएं हैं, जिनका इस्तेमाल भारत में किया जा रहा है. डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना के इलाज में इन दवाओं से सात दिन के भीतर चमत्कारिक नतीजे देखने को मिले हैं. गाचीबाउली स्थित एआईजी अस्पताल में फिजिशियन और क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. केबी चेतन रेड्डी ने कहा कि ड्रग कॉकटेल के जरिए मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने के 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि ड्रग कॉकटेल अगर मरीज को लक्षण दिखने के सात दिन के अंदर दिया जाए तो यह गेम चेंजर हो सकता है. ड्रग कॉकटेल काफी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इससे मरीजों को तत्काल राहत मिल रहा है और स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव कम करने में भी मदद मिल रही है. मरीजों को एक घंटे ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद घर जाने की इजाजत दे दी जाती है.
अपोलो अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग में कंसल्टेंट डॉ. सुनीता नाररेड्डी के मुताबिक लक्षण दिखने के तीन दिन के भीतर ड्रग कॉकटेल का असर काफी असरदार रहता है और सात दिन के भीतर दिया जाए तो यह प्रभावी होता है. संक्रमण के लक्षण दिखने पर इस ड्रग कॉकटेल के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दस दिनों की है.उन्होंने कहा कि मरीज में लक्षण उभरने के पहले पांच दिन तक काफी तेज बुखार रहता है. ऐसे में ड्रग कॉकटेल को पांच दिनों के भीतर देना काफी फायदेमंद रहता है. डॉ. सुनीता ने सुझाव दिया कि मरीजों को ड्रग कॉकटेल का 1200mg दिया जाना चाहिए. हालांकि ये कॉकटेल 600mg में भी अच्छा काम करता है.
रोशे फॉर्मा इंडिया के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. ब्रूनो जोलैन ने ड्रग कॉकटेल को समझाते हुए कहा कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज लैबोरेट्री में तैयार प्रोटीन हैं, जो वायरस के खिलाफ इम्यून सिस्टम को प्रतिरोधक बनाती हैं. इन प्रोटीन्स को कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन से सीधे भिड़ने के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है.
डॉ. ब्रूनो ने कहा, “ड्रग कॉकटेल कोरोना के ज्यादातर वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी है, और नए स्ट्रेन के खिलाफ भी यह प्रभावी बना रहता है.” इन-विट्रो एसे (In-vitro assay) स्टडीज में पाया गया कि K417N म्यूटेशन के खिलाफ भी ड्रग कॉकटेल काफी प्रतिरोधक है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सिकंदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल में इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी विभाग के हेड हरि किशन गोनुगुंतला ने कहा कि इस ड्रग कॉकटेल का कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं है. ये दवा कोविड के हल्के और मध्यम स्तर के मामलों में स्टैंडर्ड दवा बन सकती है, जिसके इस्तेमाल से लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और संक्रमण के चलते होने वाली मौतों को टाला जा सकता है.