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कोरोना: सार्वजनिक स्थलों पर थूकना अब दंडनीय अपराध, होगी 1 साल की सजा

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के लिए बुधवार को जारी संशोधित गाइडलाइंस में सार्वजनिक स्थलों पर थूकने को आपदा प्रबंधन कानून के तहत दंडनीय अपराध बना दिया है। इसके अलावा सार्वजनिक एवं कार्य स्थलों पर मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

लॉकडाउन के तीन मई तक विस्तार के मद्देनजर जारी समग्र संशोधित गाइडलाइंस में थूकने को आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51(बी) के तहत दंडनीय अपराध बना दिया गया है। गाइडलाइंस के मुताबिक, ‘सार्वजनिक स्थलों पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय अपराध होगा। शराब, गुटखा, तंबाकू इत्यादि की बिक्री पर कड़ा प्रतिबंध होना चाहिए और थूकने पर कड़ाई से प्रतिबंध होना चाहिए।’ कानून के तहत जिलाधिकारी जुर्माने और दंडनीय कार्रवाई के जरिये इन निर्देशों का अनुपालन कराएंगे। सरकारी आदेशों का अनुपालन करने से इन्कार करने पर एक साल तक की जेल अथवा जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं।

ज्ञात हो कि विभिन्न शहरों में नगरपालिका कानूनों के तहत सार्वजनिक स्थलों पर थूकना अपराध है, लेकिन देश में शायद ही लोग इसे गंभीरता से लेते हैं। बृहन मुंबई नगर निगम ने थूकते हुए पकड़े जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है।

दिल्ली और कई अन्य राज्यों में भी नगर निगमों ने इसी तरह के प्रावधान किए हैं। बिहार, झारखंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, नगालैंड और असम पहले ही आदेश जारी करके धुआंरहित तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल और सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।

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