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कोरोना से ठीक हुए मरीजों में मिला एक नया वायरल संक्रमण, एक मरीज की मौत

बेंगलुरु। बेंगलुरु में कोरोना से ठीक होने के बाद जिन रोगियों को पोस्ट कोविड बीमारियों (कोरोना के ठीक होने के बाद शारीरिक परेशानियों) से दो-चार होना पड़ा, ऐसे रोगियों में एक नया वायरल संक्रमण साइटोमेगालोवायरस (सीएमवी) देखने को मिला है। डॉक्टरों का मानना है कोरोना से ठीक हुए जिन मरीजों की प्रतिरोध क्षमता घट गई है या फिर जिन लोगों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए, ऐसे मरीजों में यह नया संक्रमण मिल रहा है।

कोरोना से ठीक हुए एक 63 वर्षीय मरीज में, जिसे ठीक होने के बाद एडवांस लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था, उसमें यह नया संक्रमण देखा गया। आखिरकार मरीज की मौत हो गयी। कोरोना से ठीक हुए एक अन्य 50 वर्षीय मरीज में भी यही संक्रमण पाया गया है। 63 वर्षीय मरीज में कोरोना होने के चार हफ्ते बाद इस संक्रमण का पता चला था, जिसके बाद उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट पर रखा गया। उसके कई उच्च स्तरीय जांचें की गईं। सीएमवी जैसे वायरस का पता लगाने के लिए निचले श्वसन पथ के नमूनों की आवश्यकता होती है।

वह व्यक्ति मधुमेह, हाइपर टेंशन से भी पीड़ित था इसके अलावा इलाज के दौरान स्टेरॉयड देने से उसकी प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो गई थी। सीएमवी के लिए जोखिम कारक वही हैं जो फंगल इन्फेक्शन के लिए हैं। हालांकि, जब एंटी-बैक्टीरियल और एंटी फंगल दिये जाने के बावजूद रोगी की स्थिति खराब हो रही हो तो ऐसे में इस संक्रमण का पता लगाना और भी मुश्किल है। इसके अलावा यह रोगी में क्यों हो रहा है इसका भी कारण स्पष्ट नहीं है।

अपोलो अस्पताल में पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर के प्रमुख और बीबीएमपी विशेषज्ञ समिति के सदस्य डॉ. रवींद्र मेहता ने कहा कि, सीएमवी वायरस विशेष रूप से ऐसे रोगियों पर हमला करता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता काफी घट गई हो, या जिन लोगों के इलाज के लिए स्टेरायड्स का इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने कहा कि उच्च स्तर की जांच और सही सैंपल की आवश्यकता के चलते इस संक्रमण का पता लगाना कठिन है। हमें ब्रोंकोस्कोपी के माध्यम से एक पोस्ट कोविड रोगी में वायरस मिला, जो ईसीएमओ पर था। लेकिन उनका निधन हो गया। उन्होंने सीएमवी जैसे वायरल संक्रमण से संक्रमित होने से बचने के लिए कोविड के लिए मधुमेह और कम अवधि के स्टेरॉयड को नियंत्रिक करने का सुझाव दिया। हालांकि ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित मणिपाल अस्पताल के डॉ सत्यनारायण मैसूर, एक ऐसे सीएमवी रोगी का इलाज कर रहे हैं जिसका इम्यूनोसप्रेशन या प्रत्यारोपण का कोई इतिहास नहीं है।

हालांकि कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित होने के कारण उसे वेंटिलेटर और ईसीएमओ सपोर्ट पर रखा गया। डॉ. मैसूर ने कहा, ‘हमारे मूल्यांकन के अनसुरा, रोगी प्रतिरक्षात्मक है और चूंकि रोगी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था, इसलिए उसकी ब्रोंकोस्कोपी की गई और जांच में उसके सीएमनी न्यूमोनाइटिस से संक्रमित होने का पता चला। इसके अलावा मरीज में किसी और चीज का पता नहीं चला।’ उन्होंने कहा कि ऐसे कोई कारक नहीं थे जिससे मरीज सीएमवी संक्रमण से संक्रमित हो जाए, लेकिन उसके बावजूद मरीज में सीएमवी संक्रमण विकसित हो गया, क्योंकि गंभीर कोरोना से संक्रमित मरीज में कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा दब जाती है।

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