कई लोगों का यह भी मानना है कि पिच सूखी होगी, जिससे स्पिनर्स को मदद मिलने की उम्मीद है। वहीं कुछ लोगों का मानना है बल्लेबाजों के प्रदर्शन से सीरीज का फैसला निकलेगा। हालांकि, जो यह मानता है कि बल्लेबाजों के दम पर सीरीज का फैसला होगा, उससे महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ इत्तेफाक नहीं रखते।
द्रविड़ आखिरी भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी। उनके नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने 2007 में इंग्लैंड का दौरा किया था। तब टीम इंडिया ने तीन मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम की थी। इसके बाद 2014 में एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड का दौरा किया, जहां लॉर्ड्स में जीत के बावजूद टीम इंडिया को 1-3 की करारी शिकस्त सहनी पड़ी।
द्रविड़ इस समय इंग्लैंड में ही हैं और उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों का रन बनाना तो महत्वपूर्ण होगा ही, लेकिन यह देखना रोचक होगा कि गेंदबाज 20 विकेट ले सकेंगे या नहीं। द्रविड़ ने इंग्लैंड में अपने सबसे यादगार लम्हें के बारे में बताया कि लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर बल्लेबाजी करने जाने वाले पल को वो कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने बीबीसी 5 से बातचीत करते हुए कहा, ‘मेरे ख्याल से लॉर्ड्स पर बतौर भारतीय टेस्ट बल्लेबाज बनकर बल्लेबाजी करने जाना मेरे लिए यादगार है। मेरे लिए यह सपने के सच होने जैसा अनुभव था।’
बहरहाल, द्रविड़ ने बताया कि 2007 में उनकी टीम इंग्लैंड को उसके घर में मात देने में इसलिए सफल रही थी क्योंकि गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, ‘2007 में हमने तीनों टेस्ट में उन्हीं तेज गेंदबाजों को मौका दिया। हम भाग्यशाली रहे कि कोई चोटिल नहीं हुआ और इससे बड़ा फर्क बना।’ यह पूछने पर कि टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच 1 अगस्त से होने वाली सीरीज का परिणाम क्या रहेगा तो द्रविड़ ने कहा कि टीम इंडिया इसे 2-1 से अपने नाम करेगी।