क्वालिटी सर्किल सम्मेलन में भाग लेने श्रीलंका जाएगा सीएमएस छात्र दल
सम्मेलन के मुख्य वक्ता होंगे डा. जगदीश गाँधी
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस का 24 सदस्यीय छात्र दल सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, सी.एम.एस. के क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन विभाग की हेड सुष्मिता बासु एवं सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. विनीता कामरान के नेतृत्व में श्रीलंका में आयोजित हो रहे ‘इण्टरनेशनल कन्वेन्शन ऑन स्टूडेन्ट्स क्वालिटी कन्ट्रोल सर्किल (आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.)’ में प्रतिभाग करेगा तथापि डा. जगदीश गाँधी इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य वक्ता होंगे। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व के कई देशों के छात्र दल एवं क्वालिटी विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने दी है। शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डा. गाँधी बदलते विश्व परिदृश्य के अनुरूप छात्रों को तैयार करने एवं उनमें समस्याओं का सकारात्मक समाधान खोजने, युवा पीढ़ी की सृजनात्मक क्षमता का सदुपयोग करने आदि विषयों पर सारगर्भित विचार रखेंगे। यह अन्तर्राष्ट्रीय क्वालिटी सर्किल सम्मेलन 13 से 18 मई तक श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में आयोजित किया जा रहा है।
श्री शर्मा ने बताया कि आई.सी.एस.क्यू.सी.सी. में प्रतिभाग हेतु श्रीलंका रवाना हो रहे दल में सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस के 17 छात्र शामिल हैं जबकि शिक्षिका सुनीता भदौरिया व अर्चना बिहारी एवं शिक्षक सिजोचैन एन्टोनी व वैभव श्रीवास्तव छात्र दल के लीडर के रूप में श्रीलंका रवाना हो रहे हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय क्वालिटी सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है कि ईश्वर का उपहार बच्चों में ऐसे गुणों का बीजारोपण किया जाये कि वे नयी विचारधारा और नयी समझबूझ से देश व दुनिया का विकास करने में सफल हो सके। इक्कीसवीं सदी के विकसित विश्व समाज में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता अर्जित करने हेतु गुणवत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल देश का पहला ऐसा विद्यालय है जिसने शिक्षा मंे क्वालिटी सर्किल की विचारधारा को अपनाया है तथापि यह उसी का परिणाम है कि सी.एम.एस. शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर पूरी दुनिया को एक नई दिशा दे रहा है। सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. विनीता कामरान के प्रयासों से क्वालिटी सर्किल की गतिविधियाँ वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप धारण कर चुकी है।