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खनन में जीएसटी घटाने से तेजी से बढ़ेगा उद्योग, सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला

केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने शुक्रवार को चौथे खान एवं खनन अधिवेशन में उद्योग क्षेत्र में रॉयल्टी समान करने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को कम करने की मांग की। मंत्रालय की सचिव अरुणा शर्मा ने कहा कि इन दो मामलों पर सरकार अगर जल्द निर्णय ले, तो उद्योग क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही वह तेजी से आगे बढ़ सकेगी। 

केंद्रीय इस्पात सचिव अरुणा शर्मा ने कहा कि उद्योग के लिए बहुत जरूरी है कि इनपुट रॉयल्टी में शामिल कर दिया जाए। हम इस पर काम कर रहे हैं और खनन उद्योग रॉयल्टी भुगतान करने को तैयार है। 

राजस्व विभाग से मांग है कि वह इस इसे स्वीकार करे। मौजूदा समय में इनपुट पांच फीसदी है और इस्पात उद्योग पर जीएसटी दर 18 फीसदी है। इसे इनपुट के समान पांच फीसदी की दर पर लाया जाए। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय लौह-अयस्क, मैग्नीशियम सहित सभी को इनपुट माना जाता है और रॉयल्टी इनपुट के अंदर आती है। अगर रॉयल्टी को समान कर दिया जाए, तो इनपुट टैक्स क्रेडिट उसी में आ जाएगा। इस्पात सचिव ने यह भी कहा कि साल 2020 तक सभी खनन लीज के पट्टे खत्म हो जाएंगे और उत्पादन को जारी रखने के लिए आवंटन की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए। 

खनन पट्टों के आवंटन में तेजी की मांग 

वहीं, केंद्रीय खनन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यों से खनन पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया को गति देने को कहा। इस दौरान, खनन सचिव अनिल मुकीन ने कहा कि खनन से सरकारों को दो लाख करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान है। 

उन्होंने बताया कि देशभर में खान की खोज में 14 एजेंसियां जुटी हुई हैं और जिला खनन फाउंडेशन 3,715 करोड़ रुपये संबंधित क्षेत्रों के विकास में खर्च कर चुका है। 

गौरतलब है कि चौथे राष्ट्रीय खान एवं खनन अधिवेशन में खान राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी, केंद्रीय सचिव पर्यावरण एवं वानिकी सीके मिश्रा, देश के प्रमुख खनिज संपदा वाले 22 राज्यों के मंत्री, प्रमुख सचिव और उन प्रदेशों के प्रतिनिधिमंडल उपस्थित थे। इस दौरान खनन क्षेत्र की दिक्कतों और गति देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई।

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