अजब गजब: औषधीय गुणों वाली सफेद मूसली की मांग लगातार बढ़ रही हैं। खासकर आसाराम का मामला सामने आने के बाद यह औषधि ज्यादा चलन में आई। यह वही औषधि है जो आसाराम अपने आश्रम में अक्सर इस्तेमाल करता था। इसे वह अपनी मर्दानगी बनाए रखने के लिए इस्तेमाल करता था। साथ ही अपने इच्छाओं को पूरी करने के लिए भी वह यह औषधि लेता था।
इस बात का खुलासा उनकी खुद की सेविका ने जोधपुर हाई कोर्ट में ट्रेल के दौरान किया था ।बता दे की इसकी खेती में काफी पैसा लगाना पड़ता हैं लेकिन जब मेडिकल साइंस ने इसके फायदे देखे तो वह खुद हैरान हो गए थे ।काफी सालो से इस प्रकार की दवाइया बनाने वाली कम्पनिया इस पर रिसर्च कर रही हैं ।दवा कंपनियों की ओर से इसकी काफी खरीद की जाती है।तो आज हम आप को बताएंगे की आखिर को हैरान हैं मेडिकल साइंस भी और क्या हैं इस दवाई के फायदे ।
आप की जानकारी के लिए बता दे की मूसली दो तरह की हुआ करती हैं ।सफेद मुसली का उपयोग इन्फर्टिलिटी और स्पर्म की कमी को दूर करने के लिए किया जाता था। अब भी आयुर्वेदिक दवाइयों में इसका उपयोग किया जाता है।यह सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी उतनी ही गुणकारी औषधि है।
सफेद मूसली शीघ्रपतन के देसी इलाज के काफी मशहूर है। कौंच के बीज, सफेद मूसली और अश्वगंधा के बीजों को बराबर मात्रा में मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर एक चम्मच चूर्ण सुबह और शाम एक कप दूध के साथ लेने से शीघ्रपतन और वीर्य की कमी जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं। सालों से विभिन्न दवाइयो के निर्माण में भी सफेद मूसली का उपयोग किया जाता है। मूलतः यह एक ऐसी जडी-बूटी है जिससे किसी भी प्रकार की शारीरिक शिथिलता को दूर करने की क्षमता होती है। यही कारण है की कोई भी आयुर्वेदिक सत्व जैसे च्यवनप्राश आदि इसके बिना संम्पूर्ण नहीं माने जाते हैं।
बता दे की ये बहुत ही पौष्टिक होती हैं और इसमें शिलाजीत भी डाली जाती हैं ।वैसे बता दे की विदेश में इस पौधे से फ्लेक्स बनाये जाते हैं ।सफेद मूसली पुरुष के शरीर की ताकत बढ़ाने के साथ साथ वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करती है। यहाँ तक की काफी रिसर्च के बाद ये भी पता चला हैं की डाइबिटीज के बाद होने वाली नपुंसकता भी सफेद मूसली से दूर होती हैं ।