फीचर्डराज्यराष्ट्रीय

महाराष्ट्र सरकार ने जारी की गणेशोत्सव की गाइडलाइन: पंडालों में 4 और घरों में सिर्फ 2 फीट के गणपति, स्थापना और विसर्जन में नहीं जुटेगी भीड़

मुंबई. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत घरों या पंडालों में स्थापित होने वाली गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई को तय कर दिया गया है। गाइडलाइन के मुताबिक, सार्वजनिक पंडाल में अब 4 फीट और घरों में सिर्फ 2 फीट के बप्पा की स्थापना की जा सकती है।

महाराष्ट्र में इस बार गणेशोत्सव की शुरुआत 10 सितंबर को बप्पा की प्रतिमा की स्थापना से होगी और विसर्जन 19 सितंबर को किया जाएगा। स्थापना और विसर्जन के उत्सव को सादगी से करने का निर्देश सरकार की ओर से जारी किया गया है। इस दौरान भीड़ जुटाने वाले आयोजन पर पाबंदी रहेगी।

सरकार की गाइडलाइन में ये खास

  • सार्वजनिक मंडल और घरों में स्थापित की जाने वाली गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई 4 फीट और 2 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • सभी गणेश मंडलों को नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाई गाइडलाइन के आधार पर मंडप स्थापित करने होंगे।
  • सार्वजनिक गणेश मंडलों या लोगों द्वारा घरों पर की जा रही प्रतिमा स्थापना के दौरान सजावट को लेकर बहुत तामझाम नहीं करना चाहिए।
  • गणपति प्रतिमा का विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया जाए, यदि संभव हो तो मिट्टी की मूर्ति स्थापित की जाए।
  • जनता जो दान दें उसे स्वीकार किया जाए और घर-घर जाकर चंदा लेने से बचा जाए।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जगह स्वास्थ्य से जुड़े जागरूकता वाले कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए।
  • आरती, भजन, कीर्तन में होने वाली भीड़ रोकी जाए और ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन दर्शन को बढ़ावा दिया जाए।
  • गणपति पंडाल में सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

मूर्तिकारों ने गाइडलाइन जारी करने की मांग उठाई थी
इसके पहले राज्य के मूर्तिकारों ने CM उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गणेशोत्सव के संदर्भ में जल्द से जल्द दिशा निर्देश जारी करने की मांग की थी। रेशमा खातू ने इस संदर्भ में मूर्तिकारों का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि गणेशोत्सव को अब मात्र 2 महीने ही बचे हुए हैं। ऐसे में मूर्तिकार काफी चिंता में है। लिहाजा सरकार को इस बाबत अपने दिशा निर्देश तत्काल जारी करने चाहिए। मूर्तिकारों ने सरकार के इन्हीं दिशा निर्देशों की वजह से अभी तक मूर्तियां बनाने का काम भी शुरू नहीं किया था।

Related Articles

Back to top button