गर्भवती को एक फोन पर चलती ट्रेन में मिले कई डॉक्टर
डॉक्टरों ने न सिर्फ महिला को उपचार दिया, ट्रेन भी प्लेटफार्म पर निर्धारित समय से करीब सात मिनट अतिरिक्त रुकी रही। रेलवे की यह कार्यशैली स्थानीय लोगों में प्रशंसा का पात्र बनी हुई है।
अलीगढ़ के हाथी वाला पुल के पास स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ कर्मी फैज मोहम्मद रहते हैं। उनकी बेटी की शादी मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई है। पिछले दिनों उनकी बेटी निकहत फैज अपने मायके अलीगढ़ आई हुई थीं।
यहां कुछ समय रहने के बाद वह वापस अपनी ससुराल के लिए मथुरा रेलवे स्टेशन से हजरत निजामुद्दीन- जबलपुर (गोंडवाना) एक्सप्रेस में सवार हुईं।
कुछ रास्ता न सूझता देख किसी तरह नेट से नंबर लेकर उन्होंने रेलवे के महानिदेशक स्वास्थ्य से संपर्क किया। उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद बेटी ने बताया कि झांसी रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो वहां पांच डॉक्टर, दो लेडी डॉक्टर, एक सर्जन, एक फिजीशियन पहले से मौजूद थे।
निकहत को वहां ट्रीटमेंट दिया गया और आगे के रेलवे स्टेशनों को भी इस बारे में जानकारी दी गई। यही नहीं निकहत को स्लीपर कोच से एसी कोच में भी ट्रांसफर किया गया।
निकहत ने बताया कि उसको दर्द से राहत मिली और अगले दिन वह जबलपुर पहुंची। वहां उसे फिर समुचित उपचार दिया गया। रेलवे की इस दरियादिली के लिए फैज मोहम्मद ने डीजी हेल्थ को शुक्रिया अदा करने वाला एक खत लिखा है।