लखनऊ। पंडित कमलापति त्रिपाठी तो महात्मा गांधी की परम्परा के सिद्धान्तनिष्ठ राजनेता थे, जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की छाप आम जनजीवन में आज भी अत्यंत व्यापक एवं गहरी है। यह बातें अ0भा0 कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रभारी उ0प्र0 मधुसूदन मिस्त्री ने कमलापति त्रिपाठी की 109वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित जयन्ती समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि त्रिपाठी का नेतृत्व, नैतिक शक्ति, आध्यात्मिक चेतना और जनता के प्रति समर्पण की भावना से जुड़ा नेतृत्व था। वह धार्मिकता और धर्मनिरपेक्षता दोनों को मिशाल की तरह जीते थे। उन्हें लोग भूल नहीं सकते क्योंकि वह दूसरों के लिए जीने वाले संघर्ष और आस्था के धनी नेतृत्वकर्ता थे। श्री मिस्त्री ने लोगों का आवाहन किया कि पंडित के सपनों के मुताबिक ऐसा माहौल बनायें कि कांग्रेस की प्रतिष्ठा का फिर से पुनरोदय हो, क्योंकि त्रिपाठी कहते थे कि कांग्रेस के कमजोर होने पर देश कमजोर होगा। अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 निर्मल खत्री ने कहा कि सन 1980 के दशक में उभरते सम्प्रदायवाद और फासीवाद के भावी खतरों के प्रति पंडित कमलापति त्रिपाठी ने जिस तरह लोगों को आगाह किया और संघर्ष के कदम बढ़ाये वह उनका बेमिसाल और साहसिक कदम था। अयोध्या विवाद पर उनकी पहल देश की एकता के लिए उठा ऐसा कदम था जो साम्प्रदायिकता के खतरों से लोकतंत्र की रक्षा में हमें राह दिखाता रहेगा।