लखनऊ, राज्य और समाज के सहयोग से बुन्देलखण्ड के प्रत्येक गांव को पानी दार बनाने के लिए जल जन जोड़ो अभियान ने जो मुहिम चलाई है प्रदेश सरकार इस अभियान में पूरी तरह साथ है। यह बात प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविन्द सिंह गोप ने कही। वे आज स्थानीय सहकारिता भवन के सभागार में परमार्थ समाज सेवी संस्थान एवं जल जन जोड़ो अभियान की ओर से आयोजित बुन्देलखण्ड के किसानो एवं जल सहेलियों की समस्याओ की जनसुनवाई में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। सगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे मैगसेसे पुरस्कार विजेता जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि इस जनसुनवाईके तीन निष्कर्ष बहुत महत्वपूर्ण है बुन्देलखण्ड को पानीदार बनाया जाये, वर्षा चक्र और फसल चक्र के बदलने से बुन्देलखण्ड के किसान तबाह हो रहे है। उसको कैसे रोका जाये। इसके लिए जरूरी है कि बरसात में जो खेत की मिट्टी बह जाती है उसे रोका जाये। परम्रागत जनसंरचनाओ को सृद्ण और पुर्नजीवित किया जाए। लोकतंत्र को ठीक बनाने के लिए राज्य और समाज को एक साथ काम करने की जरूरत है। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। जल जन जोड़ो अभियान के राष्टीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि भारत दुनिया में भूगर्भी जल का दोहन सबसे अधिक करता है 2030 में भारत में मांग और आपूर्ती के बीच में एक बड़ा अन्तर आने वाला है। यदि समय रहते हम सब ने इस मांग ओैर आपूर्ति के बढते अन्तर को पाटने का काम नहीं किया तो 45 प्रतिशत आबादी को पेय जल की आपूर्ती होना बहुत कठिन होगां। इसके लिए जल जन जोडो अभियान में उत्तर प्रदेश में अप्रैल माह में जल जन जोडो की जागरूकता यात्रा प्रारम्भ कि जायेगी। यहा अभियान पूरी दुनिया को जल के झगडो से दूर करके शान्ति का सन्देश देने के लिए कार्य करेगा।
प्रमुख सचिव सिचांई दीपक सिंघल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने 58 करोड़ रूपये का बजट तालाबो को पुर्नजीवित करने के लिए दिया है। श्री सिंधल ने कहा कि जल सहेलिया बुन्देलखण्ड के तालाबो के बारे में उन्हें जानकारी उपलबध कराए उनके पुर्नजीवित तथा सुदृढीकरण के मामले में धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होने इजराइल के बारे बताते हुए कहा कि वहां के किसानो ने वर्षा के पानी के संचयन और प्रबन्धन का अद्भुत नमूना प्रस्तुत किया है उन्होने कहा बुन्देलखण्ड में बड़े डैम के साथ साथ छोटे डैम भी बनाये जाये। उन्होने बुन्देलखण्ड की पढी लिखी लडकियो का आवाहन किया कि वे परम्परागत जल संचयन के बारे जो जो स्थान है उनको चिन्हित कर जल जल जोड़ो के माध्यम से उनको जानकारी उपलब्ध कराए। इस काम में सरकार आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी।