गांव में हुआ पानी का संकट तो पेड़ के तने से निकाल दिया पानी
एजेंसी/ मन में लगन हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता. इसका एक उदाहरण एक गांव में देखने को मिला.जल संकट को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है.कहीं ट्रेन से पानी पहुंच रहा है तो कही टैंकरों से. आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जहां के ग्रामीणों के हौसले देखकर जज्बे को सलाम करने का मन करता है.ग्रामीणों ने 5 किलोमीटर दूर झरने के पानी को पेड़ो के तने के जरिए अपने गांव तक उतार दिया. अब उस गांव से आपको रूबरू करवाते हैं.यह गांव घोर नक्सल प्रभावित रेटेमपारा है जो की कटेकल्याण विकासखंड में स्थित है.
दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण ब्लॉक के रेटेमपारा गांव जिसमे करीब 60 परिवार रहते हैं. आसपास के भी 5 गांव पानी के लिए झरने पर निर्भर हैं. झरना 5 किलोमीटर दूर पहाड़ पर स्थित है. गांव वालों ने पानी पहुंचाने के लिए नेता व अधिकारियो से मिन्नते की लेकिन हुआ कुछ नही तो खुद ही कुछ करने की ठानी और ले आए पानी अपने गांव तक.अब इस पानी से आसपास के गांव वालों की भी प्यास बुझ रही है.
ग्रामीणों ने पेड़ के सीधे तने को बीच से चीरा और बीच के गोल हिस्से को बाहर निकाल लिया. उसे हर उस जगह फिट किया जहां से पानी आता है.फिर बिछा दिया पुरे गांव तक और कर ली पानी की किल्लत दूर. आश्चर्य की की बात है की दिन भर इसमें पानी आता है.पर रात होते ही पानी बंद भी हो जाता है. पहाड़ो से निकलने वाला यह झरने का पानी जो पहले उपयोग में नही आ पाता था. वो अब सबको राहत दे रहा है. पहुच से दूर होने के कारण कई गांव में पानी के लिए कई कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था.गांव के निवासी रामा मंडावी बताते है की पहाड़ो से निकलने वाले पानी को पेड़ो के तने से गांव तक ले जाने वाले उनके दादा परदादा थे.
आज इस पानी का उपयोग दंतेवाड़ा व सुकमा मरोकि पंचायत के चार -पांच गांव के लोग कर रहे हैं.अभी पानी बह जाता है अगर एक टेंक बना दिया जाए तो पानी भरपूर रहेगा. जिला कलेक्टर सौरभ कुमार ने बताया की 25 परिवारो वाले रेटमपारा में 4 हैण्डपम्प है जिसमे 1 खराब है.झरने से निकलने वाले पानी को स्टोर करने के लिए नरेगा के अंतर्गत 10 दिनों में चेक डेम या स्टॉप डेम बना दिया जाएगा.
पर यह पानी पिने के लिए उपयोग में नहीं लाया जाएगा बल्कि सिंचाई के काम लाया जाएगा. रेटमपारा के 5 किलोमीटर की दूर पोर्रो रेटमपारा स्थित है जहां हैण्डपम्प तो है पर पानी नही निकलता.गांव के लोग भी इसी झरने के पानी का इस्तेमाल करते हैं. बताया जा रहा है की मीडिया की गांव में दस्तक देने के बाद अब हैण्डपम्पो को सुधारा जा रहा है.कलेक्टर खुद उस गांव में जाकर जायजा लेंगे.