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गाले में आज भिड़ेंगे भारत और श्रीलंका, शास्त्री-कोहली के सामने ‘विराट’ शुरुआत की चुनौती
बुधवार से टीम इंडिया को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में मेजबान श्रीलंका का सामना करना है। गाले मे खेले जाने वाले टेस्ट मैच में टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक पायदान पर काबिज टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन का सिलसिला श्रीलंका दौरे में भी जारी रखना चाहेगी। कप्तान विराट के लिए मैच में सबसे बड़ी चुनौती अंतिम एकादश का चुनाव करना है।
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गाले में भारतीय टीम का रिकॉर्ड खराब है। दोनों टीमों के बीच अब तक इस मैदान पर चार मैच खेले गए हैं। जिसमें श्रीलंका ने तीन और भारत ने एक मैच जीता है। दो साल पहले खेली गई सीरीज का पहला टेस्ट इसी मैदान पर खेला गया था। उस टेस्ट में टीम इंडिया को 65 रन से हार का सामना करना पड़ा था। टीम इंडिया ने अपने नंबर का सफर यहीं से शुरू किया था। 2015 में भारतीय टीम को टेस्ट में हार मिली थी जब चौथी पारी में 176 के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम 112 रन पर आउट हो गई थी। उसके बाद से भारतीय टीम में बहुत कुछ बदला है। युवा और आक्रामक तेवरों वाले कोहली अब एक परिपक्व कप्तान बन चुके हैं। उनकी अगुवाई में भारतीय टीम ने घरेलू सीरीजों में वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया को हराकर 2016-17 के सत्र में 17 में से 12 जीत हासिल की।
श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में टीम उसी आत्मविश्वास के साथ उतरेगी और विदेशी दौरे में भी अपना दबदबा जारी रखने की कोशिश करेगी। हेड कोच रवि शास्त्री का यह टीम के साथ बतौर अधिकारी दूसरा कार्यकाल है। विराट की टीम पिछले पांच दिन से श्रीलंका में है और अब वह पूर्व कोच अनिल कुंबले की विदाई और नए हेड कोच की चयन प्रक्रिया से जुड़े विवादों को पीछे छोड़ चुकी है। पिछली बार श्रीलंका दौरे में शास्त्री टीम डायरेक्टर थे और टीम ने 0-1 से पिछडऩे के के बाद 2-1 के अंतर से सीरीज अपने नाम की थी। तब कोहली की कप्तानी में यह विदेश में पहली सीरीज जीत थी।
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अगर 2015-16 और 2016-17 सीजन की बात करें तो गाले में मिली हार के बाद भारतीय टीम ने 23 में से केवल एक टेस्ट हारा है। वह भारत ने पुणे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गंवाया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारतीय टीम बेहद संतुलित है और टीम का संयोजन अच्छा है, टीम की बैंच स्ट्रेंथ भी मजबूत है। यही कारण है कि ओपनर लोकेश राहुल के बुखार से पीड़ित होने के कारण पहले टेस्ट में न उतर पाने के बावजूद टीम प्रबंधन ज्यादा चिंतित नहीं है। ऐसे में कप्तान विराट के पास ओपनिंग के लिए शिखर धवन और अभिनव मुकुंद के विकल्प होंगे। धवन का पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के बाद टेस्ट में ओपनिंग का दावा कमजोर पड़ गया था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में तो उन्हें टीम में भी शामिल नहीं किया गया था। मुकुंद ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बंगलूरू टेस्ट में दोनों पारियों में 16 रन बनाए थे। ऐसे में उन्हें चयनकर्ताओं को फिर से प्रभावित करने का मौका मिला है।
रोहित शर्मा की टीम में वापसी तय है जिन्होंने पिछला टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में खेला था। आर अश्विन अपना 50वां टेस्ट खेलने उतरेंगे। यदि कोहली ने पांच गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया तो अतिरिक्त स्पिनर के रूप में कुलदीप यादव उतर सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज गेंदबाजों मोहम्मद शमी, उमेश यादव, इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार में से किन दो को मौका मिलता है। गाले टेस्ट में दो साल पहले भारत ने पांच गेंदबाज उतारने का फैसला किया था और उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा क्योंकि भारतीय टीम चौथी पारी में रंगना हेराथ की फिरकी का सामना नहीं कर पाई थी।