पणजी (एजेंसी)। एक पांच सितारा होटल में सहयोगी महिला पत्रकार के साथ कथित छेड़खानी के मामले में तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ने के बाद गुरुवार को गोवा सरकार और महिला आयोग ने मामले में सक्रिय होने के संकेत दिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि आपराधिक गतिविधि को छिपाया नहीं जा सकता। तरुण तेजपाल के खिलाफ लगे सनसनीखेज आरोप सामने आने के बाद से राजनीति और पत्रकारिता जगत में बवंडर खड़ा हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं राजनीतिक दलों और पत्रकारों ने तेजपाल की तीखी आलोचना की है और उन्हें आसानी से नहीं छोड़े जाने की अपील की है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा है ‘‘पूरी तरह से अपराध माने जाने वाले कृत्य के लिए अपने आप व्यक्त किया गया प्रायश्चित उपचार नहीं हो सकता।’’ गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पीड़िता को उत्तरी गोवा के एक होटल में घटी घटना के बारे में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उसी होटल में तहलका ने इस माह के शुरू में समारोह का आयोजन किया था। उन्होंने कहा ‘‘जब तक हमारे पास शिकायत नहीं आएगी तब तक हम दोष कैसे साबित करेंगे।’’ पर्रिकर ने घटना की प्रारंभिक जांच कराने के संकेत दिए और कहा कि राज्य की परिधि में आपराधिक घटना घटी। उन्होंने कहा ‘‘हमें जांच करने की जरूरत है और इसके लिए शिकायत की जरूरत नहीं होती।’’तहलका की प्रबंधक संपादक शोमा चौधरी ने बुधवार को पत्रिका के सभी कर्मचारियों को तेजपाल का संलग्न खत ई-मेल किया। तेजपाल ने इससे पहले शोमा चौधरी को ई-मेल में लिखा ‘‘समझदारी की चूक और परिस्थिति की गलत व्याख्या के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई जो हमारे विश्वास और संघर्ष के खिलाफ है।’’उन्होंने लिखा ‘‘मैं पहले ही अपने दुव्र्यवहार के लिए बिना शर्त क्षमा मांग चुका हूं लेकिन मुझे लगता है कि अभी प्रायश्चित बाकी है। इसलिए मैं तहलका के मुख्य संपादक के पद से और कार्यालय से अगले छह महीने के लिए हटने की पेशकश कर रहा हूं।’’इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को कहा कि समाचार पत्रिका तहलका के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल द्वारा एक महिला पत्रकार के साथ कथित यौन उत्पीड़न का मामला यदि उनके समक्ष उठाया जाता है तो वह मामले की जांच करेगा। शर्मा ने तेजपाल द्वारा तहलका के मुख्य संपादक के पद से छह महीने के लिए त्यागपत्र देने की घोषणा पर कहा ‘‘तरुण तेजपाल भगवान नहीं हैं जो खुद अपनी करनी की सजा तय करेंगे।’’ वर्ष 2००1 में तहलका के स्टिंग आपरेशन से शर्मिंदगी का सामना कर चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि छेड़खानी करना नई परिभाषा के तहत कानून के तहत दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा ‘‘आज की संशोधित परिभाषा के अनुसार तरुण तेजपाल का काम दुष्कर्म की श्रेणी में आता है।’’उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दोनों से ही इस मामले की जांच करने की मांग की। लेखी ने मांग की कि तेजपाल के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया जाए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। पूर्व पुलिस अधिकारी और प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा ‘‘कानून की दृष्टि से इस मामले में दो तरह के कदम उठाए जा सकते हैं पहला तो यह कि तहलका की यौन उत्पीड़न समिति के सामने यह मामला रखा जाए यदि तहलका में ऐसी कोई समिति है तो ! और मामले की विस्तृत जांच हो। दूसरा यह कि पुलिस अपने विवेक के आधार पर संज्ञान ले और मामले की पूरी छानबीन करे उस स्थिति में भी यदि पीड़िता प्राथमिकी दर्ज करने को तैयार न हो।’’वरिष्ठ पत्रकार और द हिंदू के पूर्व संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस मामले को एक निजी मामले की तरह लिया जाना चाहिए। आरोपी सिर्फ कार्यालय से अपना पद छोड़कर इतनी आसानी से छूट नहीं सकता।’’