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‘गोस्‍वामी तुलसीदास ने बाबरी मस्जिद में बैठकर लिखी थी रामचरित मानस’

goswami-tulsidasजयपुर. राजस्थान जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में गोस्‍वामी तुलसीदास की अनमोल कृति ‘रामचरित मानस’ को लेकर दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हरीश त्रिवेदी के बयान से नया विवाद पैदा हो गया है. त्रिवेदी का कहना है कि गोस्‍वामी तुलसीदास ने संभवत: अयोध्‍या की बाबरी मस्जिद में बैठकर ‘रामचरित मानस’ की रचना की होगी.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ‘रामचरित मानस: द लाइफ ऑफ ए टेक्‍स्‍ट’ विषय पर हरीश त्रिवेदी ने कहा, ‘राम केवल धार्मिक पुरुष नहीं थे. उन्‍हें केवल कुछ लोगों के खास समुदाय से नहीं जोड़ा जा सकता. 1992 में अयोध्‍या में जो कुछ भी हुआ, उसमें राम का कोई दोष नहीं था. इसके लिए कुछ और लोग ही जिम्‍मेदार थे. यह हमारा दायित्‍व है कि हम संस्‍कृति को राजनीति से दूर रखें.’

टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, इस बहस के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ आईवोआ में हिंदी एंड मॉडर्न इंडियन स्‍टडीज के प्रोफेसर फिलिफ ल्‍यूटजेंड्रॉफ और कवि अशोक वाजपेयी समेत कई दिग्‍गज साहित्‍यकार मौजूद थे.

हरीश त्रिवेदी ने बताया, ‘यह आयोजकों की धर्मनिरपेक्षता का सबूत है कि ‘मुगल टेंट’ नामक आयोजन स्‍थल पर रामचरित मानस को लेकर बहस की पहल की गई. दिलचस्‍प बात यह है कि अकबर के समकालीन गोस्‍वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस नामक अनमोल कृति की रचना की.’

अशोक वाजपेयी ने भी हरीश रावत का बचाव करते हुए कहा कि इसे सियासी रंग देना उचित नहीं है. ‘रामचरित मानस’ की रचना मुगल शासन के दौरान हुई और कहीं न कहीं इसने तत्‍कालीन शासन व्‍यवस्‍था को भी प्रभावित किया.

 

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