ग्रीन-टी व रेड वाइन से ठीक होती हैं कई बीमारियां
नई दिल्ली : ग्रीन-टी और रेड वाइन के सेवन से हृदयघात और हाई ब्लड पेसर समेत कुछ खास किस्म में कैंसर तक का खतरा कम हो जाता है। अध्ययन में यह भी सामने आया है कि ग्रीन और रेड वाइन में जो तत्व होते हैं वो शरीर में शरीर में उन जहरीले मोलक्यूल को बनने से रोकते हैं, जिनके कारण से मेंटल डिसॉर्डर की समस्या होती है। यह ताजा अध्ययन रसायन के संवाद (कॉम्युनिकेशन्स कैमिस्ट्री) नाम की मैगजीन पर प्रकाशित हुआ है, जिसमें पाया गया है कि ग्रीन-टी में प्राकृतिक रूप से ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं जो जहरीले मेटाबालिट्स के निर्माण को रोकते हैं। इस प्रकार ग्रीन-टी की मदद से लोगों में आनुवांशिक रूप से होने वाली कई बीमारियों को रोका जा सकता है।
अध्ययन में कहा गया है कि बहुत से लोगों को मेटाबालिक डिसॉर्डर की समस्या जन्म से ही होती है। जिन लोगों को इलाज नहीं मिल पाता उन्हें पूरे जीवन एक सख्त डाइट रूटीन का पालन करना होता है। दिल्ली के एक न्योरोसर्जन डॉ अनुज कुमार के अनुसार, ग्रीन-टी में पाए जाने वाले तत्वों से नसों को सक्रिय बनाने में मदद मिल सकती है। यहां तक कि इसके तत्व अल्जाइमर और पर्किंसन तक के खतरे को कम कर सकते हैं। यह अध्ययन इहुद गजित की नेतृत्व में इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी में किया गया। अध्ययन कर्ताओं ने पाया कि ग्रीन टी में दो तत्व – इपीगैलोकैटेचिन और टैन्निक एसिड पाया जाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि टैन्निक एसिड रेड वाइन में भी पाया जाता है जोकि अल्जाइमर और पर्किंसन जैसी बीमारियों के खतरे को रोकने में कारगर है।