भोपाल : मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के तार ग्वालियर-चंबल से जुड़े हुए हैं। घोटाले के अब तक 48 गवाहों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा 21 मौतें इसी इलाके से जुड़ी हैं। ग्वालियर के गजराजा चिकित्सा महाविद्यालय में लगभग 125 लोगों ने फर्जी तरीके से दाखिला लिया था, जिनका सच सामने आने के बाद उन्हें महाविद्यालय से निष्कासित किया जा चुका है। राज्य में व्यापमं घोटाला सालों से चला आ रहा है, मगर जुलाई 2013 में इस घोटाले से पर्दा उठा था। एक ओर इस मामले में गिरफ्तारियों का दौर जारी है तो वहीं दूसरी ओर लगातार इस मामले से जुड़े लोगों की मौत हो रही है। कांग्रेस ने रविवार को आंकड़े जारी कर कहा था कि अभी तक इस घोटाले से जुड़े 48 मौत हो चुकी हैं, जिनमें से 21 मरने वालों का नाता ग्वालियर-चंबल संभाग से है। वहीं मामले की जांच कर रही एसआईटी के मुताबिक, इस घोटाले में 33 लोगों की मौत हो चुकी है। कांग्रेस की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, ‘‘मौतें संदिग्ध हैं। मृतकों के निवास प्रमाणपत्र से लेकर अंकसूचियां भी सार्वजनिक की जानी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो कई नए तथ्य सामने आएंगे।’’
के.के. मिश्रा ने दो दिन पहले मामले की जांच कर रही एसआईटी को एक सूची में सौंपी थी, जिसमें व्यापमं घोटाले से जुडे़ 46 मृतकों के नाम थे। इस सूची में उन्होंने बताया है कि ग्वालियर-चंबल संभाग से जुड़े जिन 21 लोगों की मौत हुई है, उनमें ग्वालियर और व मुरैना के नौ-नौ, भिंड के दो तथा शिवपुरी का एक व्यक्ति शामिल हैं। वहीं गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के डीन जी. एस. पटेल ने बताया, ‘‘उनके महाविद्यालय में सौ से अधिक फर्जी छात्रों ने दाखिला लिया था। हालांकि उन्होंने छात्रों की स्पष्ट संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी।’’ उन्होंने बताया कि फर्जी तरीके से दाखिला लेने वाले इन छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है और इसी तरह से अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों में भी कार्रवाई की गई है।