घर की वैध तुलसी
भारतीय संस्कृति में “तुलसी” का धार्मिक, आध्यात्मिक, चिकित्सकीय महत्त्व का विस्तार पूर्वक विवरण मिलता है | प्राचीन समय से इसका उपयोग अलग-अलग बीमारियों के उपाय के लिए किया जा रहा है। आमतौर पर तुलसी की पत्तियां, बीज, जड़ें, मंजिरी का इस्तेमाल औषधि के रूप में सदियों से होता आया है| सर्दी-खांसी से लेकर केंसर जैसी भयंकर बीमारियों में भी तुलसी एक कारगर औषधि है |
आइये जाने तुलसी के औषधीय प्रयोग-
1. चोट लगने पर-
अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो, तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है| तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है| इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है|
2. मुंह की दुर्गंध दूर करने के लिए-
सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते बेहद कारगर है| अगर आपके मुंह से बदबू से परेशान है तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें| मुंह की दुर्गन्ध के लिये तुलसी एक कारागार उपाये है|
3. जुखाम होने पर-
अगर आपको सर्दी या फिर हल्का बुखार है तो मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते का काढ़ा रामबाण औषधि है |
4 चेहरे की सुन्दरता के लिये-
त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी फायदेमंद है. इसके लेप के इस्तेमाल से कील मुहांसे खत्म हो जाते है, और चेहरा साफ होता है.
5 यौन रोगों के इलाज में-
शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का प्रयोग औषधि के रूप में होता है |
6 स्त्रियों की मासिक धर्म की समस्या में-
अक्सर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता में तुलसी के बीज का प्रयोग होता है| इसका सत, क्वाथ और अर्क विशेष लाभ देता है|
7. कैंसर के इलाज में –
आयुर्वेद गौमूत्र एवम तुलसी के बीज, पत्तियों और अर्क का प्रयोग कैंसर रोग की रोकथाम में करता है| तुलसी के विशेष औषधी गुण कैंसर को फैलने और उससे जड़ से खत्म करने में मद्दतगार है |