पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। चारा घाटाले के तीसरे केस में कोर्ट ने उन्हें और जगन्नाथ मिश्रा को पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।चाईबासा कोषागार निकासी मामले पर सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू के साथ 50 अन्य को भी दोषी पाया गया है, जिनमें जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी शामिल है। वहीं 6 को कोर्ट ने बरी किया है। यह मामला चाइबासा ट्रेजरी 1992-1993 में 33.67 करोड़ रुपये की फ्रॉड निकासी से संबंधित है।
फैसले पर तेजस्वी यादव का कहना है कि ये अंतिम फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि लालू जी को फंसाने की साजिश की जा रही है, लेकिन कोर्ट के फैसला का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे हाईकोर्ट से राहत की उम्मीद मिलेगी।
आरोप है कि 33.67 करोड़ रुपये फर्जी आवंटन के पत्र द्वारा निकाले गए। लेकिन वास्तविक रूप से केवल 7.10 लाख रुपये निकाले गए थे। 56 आरोपियों में झारखंड के पूर्व चीफ सचिव सजल चक्रवर्ती भी शामिल हैं, जब फर्जी धन निकासी के आरोप लगे थे,सजल पश्चिम सिंहभूम जिले के डिप्टी कमिश्नर थे।
यह तीसरा मामला है जिसमें लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा आरोपी हैं। आपको बता दें कि लालू यादव अभी रांची की बिरसा मुंडा जेल में हैं उन्हें 6 जनवरी को चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन साल की जेल की सजा मिली है।