उत्तर प्रदेश

चीन में आयोजित एशिया पैसिफिक रीजनल सम्मेलन में प्रतिभाग कर स्वदेश लौटे सीएमएस दल का भव्य स्वागत

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन डिपार्टमेन्ट की हेड एवं सुपीरियर प्रिन्सिपल सुश्री सुष्मिता बासु के नेतृत्व में सी.एम.एस. का तीन सदस्यीय दल चीन में आयोजित एशिया पैसिफिक रीजनल वर्कशाप एवं जूनियर एशिया पैसिफिक रीजनल सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करके स्वदेश लौट आया। स्वदेश वापसी पर सी.एम.एस. दल का विद्यालय के शिक्षकों व अन्य कार्यकर्ताओं ने अमौसी एअरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी भी उपस्थित थे। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन चिल्ड्रेन इण्टरनेशनल समर विलेज (सी.आई.एस.वी.) इंग्लैण्ड के तत्वावधान में चीन में 23 से 28 अगस्त तक आयोजित हुआ, जिसमें विश्व के लगभग 20 देशों के प्रतिनिधियोें ने भाग लिया। श्री शर्मा ने बताया कि सी.आई.एस.वी. एशिया पैसिफिक रीजनल वर्कशाप एवं जूनियर एशिया पैसिफिक रीजनल सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न देशों के बच्चों के बीच मित्रता, न्याय, समता, उत्साह तथा सहयोग की भावना को प्रोत्साहन देना है। इस सम्मेलन में विचार किया गया कि विश्व एकता व शान्ति की शिक्षा वर्तमान समय की सर्वोपरि आवश्यकता है एवं भावी पीढ़ी को इस बात के लिए तैयार करना है कि हम अपने लिए जिस प्रकार की दुनिया चाहते हैं, उसी के अनुरूप हमें स्वयं भी बदलना होगा।

श्री शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में विशेष रूप से एशियाई देशों में सी.आई.एस.वी गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ विभिन्न देशों के प्रतिभागियों को अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग, सामन्जस्य, समझदारी एवं सीखने के महत्व से अवगत कराया गया। यह अनुभव आगे चलकर सी.आई.एस.वी. कैम्प के बच्चों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण साबित होगा जिसके अन्तर्गत विभिन्न देशों के बच्चे एक साथ एक छत के नीचे एक माह के सी.आई.एस.वी. कैम्प में साथ-साथ रहकर एकता, शान्ति व सौहार्द के गुण सीखते हैं। विदित हो कि सी.एम.एस. विगत 23 वर्षों से चिल्ड्रेन्स इण्टरनेशनल समर विलेज कैम्प की मेजबानी प्रतिवर्ष लखनऊ में कर रहा है, साथ ही सी.एम.एस. के कई छात्र दल विश्व के अन्य देशों में आयोजित सी.आई.एस.वी. कैम्प में प्रतिभाग करते हैं। श्री शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि विश्वव्यापी स्तर पर शिक्षा तथा संस्कृति के क्षेत्रों में यह सम्मेलन प्रतिभागी देशों के बीच अनुभव तथा ज्ञान के आदान-प्रदान के रचनात्मक रिश्ते बनाने का एक नया अध्याय जोड़ेगा।

 

Related Articles

Back to top button