अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में 25 मौतें, 830 प्रभावित, सांप और चमगादड़ के सूप से फैला करॉना वायरस!

बीजिंग : चीन में हुए ताजा अध्ययन में दावा किया जा रहा है कि चमगादड़ और सांपों से यह वायरस इंसानों में फैला है। बता दें कि वुहान में चमगादड़ का सूप लोगों में काफी प्रिय है। अब तक इस बीमारी से चीन में 25 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 830 लोग इस बीमारी के चपेट में हैं। इस बीच, भारत ने चीन की राजधानी पेइचिंग में गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजन रद्द कर दिया है। साथ ही, चीन से भारत लौटने वालों के लिए एक अडवाइजरी जारी की है जिसमें सतर्कता बरतने के कुछ सुझाव दिए गए हैं। हुबेई प्रांत के वुहान से निकला करॉना वायरस धीरे-धीरे पूरे चीन में और फिर दुनिया में फैलने लगा है। बता दें कि वुहान में चमगादड़ का सूप लोगों में काफी प्रिय है। अधिकारियों ने हुबेई प्रांत के पांच शहरों- वुहान, हुगांग, एझाओ, झिजियांग और क्विनजिआंग शहरों में गुरुवार शाम से सार्वजनिक परिवहन का संचालन बंद कर दिया ताकि वायरस के फैलने पर रोक लगाई जा सके। चिंता की बात यह है कि यह वायरस चीन से निकलकर दुनियाभर में फैलने लगा है। हालांकि, करॉना वायरस इंसानों में कहां से आया, अंतिम रूप से अब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है। हां, इसे लेकर अलग-अलग तरह के दावे जरूर किए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों में दावा किया जा रहा है कि पिछले वर्ष के आखिरी महीनों में चीन के मध्यवर्ती शहर वुहान स्थित पशु बाजार से करॉना वायरस की उत्पत्ति हुई। दरअसल, यहां जंगली जानवरों के मांस की अवैध बिक्री हुई और यह मांस खाने वाले लोगों में वायरस पहुंच गया। प्राथमिक स्तर के शोध से पता चला कि करॉनाा वायरस सापों में इंसानों में पहुंचा। वैसे सरकारी चिकित्सा सलाहकार जॉन्ग ननशान ने बिज्जू (बैजर) और चूहों से भी वायरस फैलने की आशंका जताई। चीनी वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन में वायरस के चमगादड़ों से सांपों में और फिर सांपों से इंसानों में फैलने की संभावना प्रकट हुई है। चीन की राजधानी पेइचिंग में शोधकर्ताओं का अध्ययन जर्नल ऑफ मेडिकल वायरॉलजी में प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि करॉनाा वायरस सांपों से इंसान तक पहुंचा है। बैट सूप आम तो नहीं है, लेकिन यह वुहान का लोकप्रिय पेय है। वुहान के खुले मछली बाजार से ही वायरस फैला भी है। सोशल मीडिया पर भी अपुष्ट विडियोज जारी किए जा रहे हैं जिनमें लोगों को कटोरियों में चमगादड़ का सूप पीते देखा जा रहा है। इसी तरह, चमगादड़ के पेट में शोरबा भरी एक तस्वीर भी शेयर की जा रही है। इसी हफ्ते चाइना साइंस बुलेटिन में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया कि नया करॉना वायरस चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस से मिलता-जुलता है। सिविअर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और इबोला जैसी वायरसजनित बीमारियां भी उड़ने वाले स्तनपायी जानवरों से ही पैदा हुई थीं। एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि करॉना वायरस बेहद घातक हो सकता है। वह डब्ल्यूडब्ल्यूआई स्पेनिश फ्लू जैसा कहर बरपा सकता है जिसने लाखों लोगों की जान ले ली थी। पहले कुछ एक्सपर्ट्स ने अनुमान व्यक्त किया था कि करॉना वायरस सार्स और इबोला जैसी जानलेवा महामारी नहीं फैला सकता है क्योंकि इसका जीन अलग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि करॉना वायरस के कारण चीन में हेल्थ इमर्जेंसी की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, उसने इसे अब तक वैश्विक आपातकाल घोषित नहीं किया है। पिछले दशक में छह बार अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि वायरस का असर दुनिया के अन्य कई देशों में भी देखा जाने लगा है। थाइलैंड, सिंगापुर, ताइवान, जापान, दक्षिण कोरिया, यूके, अमेरिका, सऊदी अरब में भी करॉना वायरस पीड़तों की पहचान हो रही है। यूके के चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि वहां पहले से ही करॉनाा वायरस मौजूद था। चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों को डर सता रहा है कि वायरस के संक्रमण की गति और जोर पकड़ सकती है क्योंकि शनिवार से चीनी नववर्ष की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। तब चीन के लोग छुट्टियां बिताने देश के अंदर और बाहर की यात्रा पर जाएंगे। वायरसजनित बीमारियों के आर्थिक असर का सही-सही आकलन कर पाना तो मुश्किल है, लेकिन 2003 में सार्स के कारण चीन की जीडीपी के एक प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ था। यह अनुमान इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन ने लगाया था। कई चीनी अपनी यात्रा रद्द कर मास्क खरीद रहे हैं।

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