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इंडियन फार्मा निर्यात पर नाइजीरिया ने कठोर किए रेगुलेशन:

नई दिल्ली, ( दस्तक ब्यूरो) : अफ्रीकी देश नाइजीरिया के ड्रग रेगुलेटर ने हाल ही में भारत के फार्मा निर्यात ( pharma export) पर नियमों को कठोर किया है। जो भारतीय कंपनियां नाइजीरिया में औषधियों का निर्यात करती हैं अब उन्हें नई गाइडलाइन के तहत काम करना होगा। उन्हें कठोरता से उन्हीं रॉ मैटीरियल का इस्तेमाल करना होगा जो नाइजीरिया के नए दिशानिर्देशों में कहे गए हैं। नाइजीरिया के नेशनल एजेंसी फॉर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एंड कंट्रोल ( NAFDAC) के इस कदम से भारतीय फार्मा कंपनियों के निर्यात पर असर पड़ सकता है।

आपको बता दें कि भारत के फार्मा निर्यात ने वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 103 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई है और यह वित्त वर्ष 2013-14 के 90,415 करोड़ रूपये से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1,83,422 करोड़ रुपये तक पहंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्जित निर्यात फार्मा सेक्टर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ निर्यात प्रदर्शन है। यह एक उल्लेखनीय बढोतरी है जब निर्यात में 8 वर्षों में लगभग 10 बिलियन डॉलर की वृद्धि हो चुकी है।हमारे वैश्विक निर्यातों में फार्मास्यूटिकल तथा औषधियों का हिस्सा 5.92 प्रतिशत है। फॉर्मूलेशन तथा बायोलॉजिकल्स की हमारे कुल निर्यातों में 73.31 प्रतिशत की प्रमुख हिस्सेदारी है जिसके बाद 4437.64 मिलियन डॉलर के निर्यातों के साथ बल्क ड्रग्स तथा ड्रग इंटरमीडिएट्स का स्थान आता है।

भारत के शीर्ष फार्मा निर्यात गंतव्य देश हैं: अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, रूस तथा नाईजीरिया।यह भी उल्लेखनीय है कि भारतीय फार्मा निर्यात का लगभग 55 प्रतिशत उच्च रूप से विनियमित बाजारों की मांग की पूर्ति करते हैं। भारतीय फार्मा कंपनियों की अमेरिका तथा यूरोपीय संघ में प्रिसक्रिप्शन बाजार में उल्लेखीनीय हिस्सेदारी है। अमेरिका के बाहर एफडीए स्वीकृत संयंत्रों की सबसे बड़ी संख्या भारत में है।

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