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चुनावों के बाद फिर शुरू होगी एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया
घाटे से जूझ रही सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को सरकार लोकसभा चुनावों के बाद फिर से बेचने की कवायद शुरू करेगी। सरकार का मानना है कि एयर इंडिया को बेचने से उसके खजाने में करीब 70 हजार करोड़ रुपये आएंगे।
जून-जुलाई में शुरू होगी प्रक्रिया
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह प्रक्रिया अब जून-जुलाई में शुरू होगी। अप्रैल-मई में आम चुनाव के बाद नई सरकार का गठन होगा, जो इसे आगे बढ़ाएगी। फिलहाल एयर इंडिया पर 55 हजार करोड़ रुपये का बकाया है।
फिलहाल बनाया है रिवाइवल प्लान
पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रही एयर इंडिया को उबारने के लिए सरकार ने एक नई योजना बनाई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना के लागू होते ही ऐसा माना जा रहा है कि एयर इंडिया प्रतिस्पर्धी और मुनाफे वाली एयर लाइन में तब्दील हो जाएगी।
क्योंकि पूरी योजना न केवल इसके रिवाइवल पर केंद्रित है। सरकार इसके तहत एयरलाइन को वित्तीय पैकेज भी देगी। यही नहीं कोर बिजनेस बढ़ाने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाई जाएंगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने इसकी तीन सहयोगी कंपनियों को बेचने का ढांचा अलग से तय करने का निर्देश भी दिया गया है। इन कंपनियों में एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल), एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएटीएसएल) और एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (एएएसएल) शामिल हैं।
बेचेगी कई संपत्ति
एयर इंडिया को बदहाली से उबारने के लिए सरकार इसकी बेकार और खाली पड़ी जमीनों और ढांचे को भी बेचने की योजना बना रही है। अब तक एयरलाइन विभिन्न शहरों में अपनी नॉन-कोर एसेट्स को बेचकर 410 करोड़ रुपये एकत्रित कर चुकी है। एयर इंडिया को किराये से भी करीब 314 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।