राज्य
चुनावों को रद्द करवाना कांग्रेस- वामपंथियों की साजिश, बीजेपी ने दोनों के खिलाफ किया प्रदर्शन
शिमला. नगर निगम चुनावों को तय समय से टालने को लेकर भाजपा ने शिमला में आक्रोश रैली का आयोजन किया और जमकर धरना प्रदर्शन किया। सीटीओ से शेरे पंजाब तक भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार और माकपा के विरोध में जमकर नारेबाजी की। भाजपा ने सरकार के इस कदम को सोची समझी साजिश बताया और कहा कि कांग्रेस और वामपंथी भाजपा से डर गए हैं इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
रैली की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष संजय सूद, विधायक सुरेश भारद्वाज और प्रदेश प्रवक्ता एवं जिला प्रभारी महेंद्र धर्माणी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला और राज्य चुनाव आयुक्त को मुख्यमंत्री का भगत बताया।
जिला अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि आज का दिन शिमला शहरी के लिए काला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिस प्रकार कांग्रेस और वामपंथियों ने मिलकर शिमला नगर निगम चुनाव को स्थगित किया है यह लोकतंत्र की हत्या है और संविधान का उल्ल्घंन है।
भाजपा चुनाव आयुक्त पी मित्रा से वोटर लिस्टों में गड़बड़ी को लेकर 30 दिन पहले मिल चुकी है और सरकार के विभिन्न अफसरों को इस गलती के बारे में अवगत करवा चुकी है। इससे यह पता चलता है कि चुनाव स्थगित करवाना एक सोची समझी साजिश है
विधायक सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जो सरकार नगर निगम के चुनाव समय पर नहीं करवा पाई वह सरकार निकम्मी है और तुरंत इस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। यह दिन 1975 के आपातकाल की याद दिलाता है। शिमला की जनता समझदार और जागरूक है आने वाले समय में प्रदेश सरकार कभी भी चुनाव करवाए तो शिमला नगर निगम में 34 में से 34 सीटें भाजपा जीतेगी। भाजपा प्रचंड आंदोलन करेगी और हर वार्ड में इस षड्यंत्र के प्रति जनता को जागरूक करेगी और धरना प्रदर्शन करेगी।
रैली में यह रहे मौजूद
भाजपा उपाध्यक्ष रूपा शर्मा, कोषाध्यक्ष कपिल सूद, प्रदेश सचिव त्रिलोक जंवाल, डेजी ठाकुर, रतन सिंह पाल, मीडिया सह-प्रभारी शशी, चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा, मंडल अध्यक्ष प्रदीप कश्यप, रणदीप कंवर और अमर सिंह ठाकुर, विजय परमार, प्रमोद ठाकुर, किरण बावा, ईश्वर रोहाल, रमेश चोजड़, बिहारी लाल, भारती सूद, कमलजीत सिंह, राजेश शारदा, शीतल ब्यास, अनिला कश्यप, कांता मिनोचा, प्रतिभा वाली, संजीव ठाकुर, संजीव शर्मा, बृजमोहन शर्मा, अजय शर्मा, रमेश जोशी, परीक्षित शर्मा, पारूल शर्मा, गौरव कश्यप अादि मौजूद थे।
रैली में यह रहे मौजूद
भाजपा उपाध्यक्ष रूपा शर्मा, कोषाध्यक्ष कपिल सूद, प्रदेश सचिव त्रिलोक जंवाल, डेजी ठाकुर, रतन सिंह पाल, मीडिया सह-प्रभारी शशी, चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा, मंडल अध्यक्ष प्रदीप कश्यप, रणदीप कंवर और अमर सिंह ठाकुर, विजय परमार, प्रमोद ठाकुर, किरण बावा, ईश्वर रोहाल, रमेश चोजड़, बिहारी लाल, भारती सूद, कमलजीत सिंह, राजेश शारदा, शीतल ब्यास, अनिला कश्यप, कांता मिनोचा, प्रतिभा वाली, संजीव ठाकुर, संजीव शर्मा, बृजमोहन शर्मा, अजय शर्मा, रमेश जोशी, परीक्षित शर्मा, पारूल शर्मा, गौरव कश्यप अादि मौजूद थे।
चुनाव अायोग अायुक्त पद के योग्य नहीं हैं मित्रा
भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि निगम चुनाव में देरी के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी सहित सरकार जिम्मेवार है। उन्होंने सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। वार्ड स्तर पर ये प्रदर्शन किए जाएंगे।
विधायक सुरेश भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार चुनाव आयोग से अपने विभाग की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि आयोग ने सरकार के कहने पर चुनाव स्थगित करवाए हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग के आयुक्त पी मित्रा इस पद के लिए योग्य नहीं है। भारद्वाज ने कहा कि नगर निगम शिमला के चुनाव को टालने जाने को वह विधानसभा के विशेष सत्र में 27 मई को बड़ा मुद्दा बनाएंगे। सीबीआई से मुख्यमंत्री को समन जारी होने के बाद जानबूझ कर चुनाव को टाला जा रहा है।
हार देखकर कांग्रेस ने टाले एमसी चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एमसी के चुनाव स्थगित करने पर कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि चुनाव टालने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने जो षड्यंत्र रचा है, उसकी मिसाल प्रदेश के इतिहास में दूसरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में शिमला में हुई पीएम मोदी की रैली ने कांग्रेसियों ने होश उड़ा लिए थे।
इससे कांग्रेसियों को आभास हो चुका था कि एमसी चुनाव में हार निश्चित है, इसलिए चुनाव टाल दिए गए। चुनाव टालना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि लोकतंत्र में हार जीत चलती रहती है, परन्तु हार के डर से चुनाव ही टाल दिए जाएं, यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने गलत मंसूबों को पूरा करने के लिए सरकार ने संवैधानिक संस्थानों का भी दुरुपयोग करने से गुरेज नहीं किया है। इस निर्णय से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस कभी भी लोकतंत्र की हिमायती पार्टी नहीं है।