चुनाव आयोग बड़ा ऐलान: अब चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने वाले नेताओं और पार्टियों की खैर नही, 100 मिनट में होगी शख्त कार्रवाई
चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि चुनावों के दौरान अवैध रूप से बांटे जा रहे धन या नफरती भाषणों जैसी हरकतों पर लगाम लगाई जा सके। इंटरनेट आधारित इस बीटा वर्जन एप का नाम ‘सीविजिल’ है। यहां ‘सी’ अर्थ नागरिकों से है।
इसका पहली बार इस्तेमाल इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ राज्यों के विधानसभा चुनावों में होगा। इस गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह एप केवल उस दौरान काम करेगा जब चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहित (एमसीसी) लागू रहेगी।
आयोग ने कहा कि वह शिकायतकर्ता के फोन नंबर और पहचान को छुपा देगा ताकि रसूखदार और ताकतवर लोगों के खिलाफ लोगों जानकारियां देने का साहस करें। वहीं जो लोग अपनी पहचान नहीं छुपाएंगे उन्हें शिकायत पर कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग से जवाब देगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि सबूत आधारित शिकायत का समयबद्ध निस्तारण करने के लिये अधिकतम 100 मिनट की समयसीमा तय की गई है। उन्होंने बताया कि जीपीएस की मदद से शिकायत वाले स्थान की पहचान कर संबद्ध क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी उक्त स्थान पर पहुंच कर कार्रवाई करेंगे।