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देश का डेटा देश में स्टोर होना चाहिए, डेटा की आजादी, 1947 की आजादी जैसी: मुकेश अंबानी

भारतीयों का डेटा देश में स्टोर करने की बात पर मुकेश अंबानी ने कहा है कि देश का डेटा देश में स्टोर होना चाहिए। डेटा की आजादी, 1947 की आजादी जैसी है।

मुंबई: देश के लोगों से सबंधित डिजिटल सूचनाओं को भारत में ही संग्रहीत किए जाने के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच देश के सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस जियो के मुखिया मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि ‘डेटा का उपनिवेशीकरण’ किसी देश पर पुराने जमाने के विदेशी आधिपत्य जैसी ही खतरनाक बात है।

उन्होंने कहा कि भारत के डेटा का नियंत्रण और स्वामित्व भारतीयों के पास ही होना चाहिए। रिपब्लिक के सम्मेलन को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि किसी व्यक्ति या कारोबार का डेटा उनका होता है। यह उन कंपनियों का नहीं होता जो उसका इस्तेमाल कर पैसा कमा सकें। उन्होंने कहा कि नयी दुनिया में डेटा एक नए तेल की तरह है।

डेटा नयी संपदा है। भारतीय डेटा का नियंत्रण और स्वामित्व भारतीय लोगों के पास होना चाहिए, डेटा कंपनियों या विशेष रूप से विदेशी कंपनियों के पास नहीं। कंपनियों द्वारा डेटा को स्थानीय स्तर पर रखने की भारतीय अधिकारियों की बात का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि डेटा की गोपनीयता पवित्र है।

मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत को डेटा आधारित क्रांति में सफल होने के लिए डेटा का नियंत्रण और स्वामित्व भारत को स्थानांतरित करने को आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। दूसरे शब्दों में यह भारत की संपत्ति को भारत लाना होगा।

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