नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनावों के नतीजे बेशक 23 मई को घोषित होंगे। मगर ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वो दोबारा सत्ता में लौटेंगे। यही वजह है कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), नीति आयोग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार को अगली सरकार के पहले 100 दिनों के लिए एजेंडा बनाने के लिए कहा है। जिसका केंद्र पांच सालों में विकास दर को दहाई संख्या में पहुंचाना होगा। मोदी सरकार के तीन अधिकारियों के मुताबिक व्यस्त चुनाव प्रचार के बीच प्रधानमंत्री ने अपने कार्यालय, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर के विजयराघवन से एक ऐसा एजेंडा तैयार करने के लिए कहा है जो स्वच्छ भारत, नौकरशाही और आर्थिक बदलाव पर केंद्रित हो। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रमुख क्षेत्रों- तेल और गैस, खनिज पदार्थ, बुनियादी ढांचा और शिक्षा को मुक्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
ताकि 2047 में भारत को विकसित देश बनाने के लिए आने वाले 100 दिनों में नींव डाली जा सके। हमारा मानना है कि मुख्य क्षेत्रों से लाल फीताशादी को हटाने से हम जीडीपी वृद्धि को 2.5 फीसदी तक आसानी से बढ़ा सकते हैं।’ जहां एक तरफ पूरे देश का ध्यान लोकसभा चुनाव पर केंद्रित है। वहीं पीएमओ, नीति आयोग और पीएसए वीकेंड पर बैठकें कर रहे हैं ताकि जनता से संपर्क किया जा सके और वेस्ट टू वेल्थ मिशन, सीखने योग्य क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा दिया जा सके। 100 दिनों की योजना उच्च विकास क्षेत्र और रोजगार सृजन क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। उच्च विकास क्षेत्र में खनन, कोयला, शक्ति और ऊर्जा शामिल हैं। सीखने योग्य क्षेत्र में शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहीं रोजगार सृजन क्षेत्रों में पर्यटन और एमएसएमई शामिल है। अधिकारी ने कहा कि यदि मोदी सत्ता में दोबारा आते हैं तो पीने का पानी और नदियों को जोड़ने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाएगा।