राजधानी देहरादून में संदिग्धों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने रात में शहर के अंदर और बाहर जाने वाले तमाम रास्ताें पर सख्त पहरा बैठाया है। पुलिस के साथ पीएसी के जवान भी चेकिंग में सक्रिय भागेदारी निभा रहे हैं। हालांकि, बाहरी इलाकों पुलिस पूरी मुस्तैदी से वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं, लेकिन शहरी इलाकों में कुछ सुस्ती है। हर प्वाइंट पर पुलिस और पीएसी के जवानाें की मौजूदगी तो मिली, लेकिन उनमें बाहरी इलाकों में मौजूद पुलिसकर्मियाें जैसी सक्रियता नजर नहीं आई। अमर उजाला के मुख्य संवाददाता राकेश शर्मा और फोटोग्राफर राजीव गुप्ता ने देर रात पुलिस चेकिंग व्यवस्था का जायजा लिया तो कुछ ऐसी ही तस्वीर उभर कर सामने आई। चेकिंग के दौरान कई वाहन चालकों ने चेकिंग का विरोध भी किया। एक वाहन चालक ने गाड़ी को प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़ा बताया तो पुलिसकर्मी ने उसे नियम कायदों का पाठ पढ़ा दिया।
रात 11:20 बजे – प्रेमनगर चौक
प्रेमनगर चौक पर पुलिसकर्मी झाझरा की तरफ से आने वाले वाहनाें की तलाश में जुटे थे। इसी बीच आई चमचमाती कार को सिपाही ने हाथ देकर रुकने का इशारा दिया। कार का शीशा उतारकर ड्राइविंग सीट पर बैठे शख्स ने सिपाही की तरफ मुखातिब होकर कहा कि यह कार पीएमओ से जुड़ी है। जल्दी कहीं पहुंचना है।
सिपाही ने बड़ी शालीनता से चेकिंग में सहयोग का अनुरोध किया। कार सवार शख्स ने तेवर दिखाने की कोशिश की तो सिपाही ने तपाक से जवाब दिया कि आप बताइए कहां लिखा है कि सुरक्षा के कारणाें से पीएमओ से जुड़ी कार चेक नहीं हो सकती है। पुलिस ने सर्च करने के बाद कार को आगे रवाना किया। इसी तरह अन्य वाहनों की तलाशी ली गई। इसके विपरीत पंडितवाड़ी चौकी पर पुलिसकर्मी सड़क के दोनों तरफ खड़े तो थे, लेकिन किसी गाड़ी को रोकने की कोशिश नहीं की।
कैमरे की फ्लैश चमकी तो हरकत में आई पुलिस
11: 50 बजे – किशननगर चौक
किशननगर चौक पर पुलिस का बैरियर लगा था। बल्लूपुर रोड की तरफ से डंपर और ट्रकाें की लंबी कतार लगी थी। ये वाहन डस्ट और खनन सामग्री से भरे थे। चौकी इंचार्ज और दो सिपाही बैरियर के पास खड़े थे। उस समय किसी तरह की चेकिंग नहीं हो रही थी।
अमर उजाला टीम भी बेरोक-टोक बैरियर से निकल गई। फोटोग्राफर के कैमरे की फ्लैश चमकी तो बैरियर पर मौजूद इंचार्ज और पुलिसकर्मी हरकत में आए। इसके बाद आने वाले चौपहिया और दोपहिया वाहनाें की चेकिंग का सिलसिला शुरू हुआ।
12:10 बजे – घंटाघर
घंटाघर पर नजारा किशननगर चौक से अलग नहीं था। उप निरीक्षक समेत कई पुलिसकर्मी आने वाले वाहनाें पर टार्च की रोशनी डाल रहे थे। यहां भी अमर उजाला का कैमरा चला तो चेकिंग को पटरी में आने में देर नहीं लगी। वाहनों की तलाशी के साथ वाहन नंबर और चालकाें के नाम रजिस्टर में एंटर करने का सिलसिला शुरू हो गया।
खनन से भरे ट्रकाें की चेकिंग न होने के सवाल पर पुलिसकर्मियाें का कहना था कि ये डंपर हिमाचल से वैध तरीके से खनन सामग्री लेकर आ रहे हैं। इनके दस्तावेज कुल्हाल चेक पोस्ट और नंदा की चौकी के पास चेक किए जा रहे हैं। घंटाघर पर उन्हें रोक कर चेक करना संभव नहीं है। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।
12:55 बजे – निरंजनपुर मंडी
निरंजनपुर मंडी पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नजर आई। प्रेमनगर से लेकर शहर के किसी हिस्से में अमर उजाला टीम की कार को कहीं नहीं रोका गया। ना ही किसी तरह की चेकिंग हुई। कार जैसे ही निरंजनपुर मंडी पर पहुंची तो कई पुलिसकर्मियाें ने हाथ देकर कार को घेर लिया। कार सवार लोगों को बाहर निकालकर बारीकी से तलाशी ली गई।
यहां पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे पटेलनगर सीओ अनुज और इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी के साथ कमान संभाले थीं। यह पहला ऐसा चेकिंग प्वाइंट देखने को मिला, जहां शहर के अंदर और बाहर जाने वाले तमाम वाहनाें को रोककर सघनता से तलाशी ली गई। कई वाहन चालकाें ने चेकिंग पर सवाल भी उठाए, लेकिन पुलिसकर्मी मित्रता भाव से तलाशी के अपने दायित्व का निर्वाह करते रहे।
यहां बनाए गए चेकिंग प्वाइंट
आशारोडी, जोगीवाला, पुलिया नंबर छह, नया गांव, निरंजनपुर मंडी कारगी चौक, घंटाघर, सहारनपुर चौक, प्रेमनगर चौक, किशननगर चौक, पंडितवाडी, मसूरी डायवर्जन, आईटी पार्क, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम, दिलाराम चौक और आराघर टी जंक्शन।
नो एंट्री खुलते ही भारी वाहनों का दबाव
देहरादून-विकासनगर रूट पर रात में खनन से भरे वाहनों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। इनमें अधिकांश वाहन शहर के बीचोबीच होकर जाते है। एसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि नो एंट्री खुलने के बाद ये वाहन शहर में प्रवेश करते हैं।
इससे पहले शहर क्षेत्र से बाहर इन्हें रोककर इनके रवन्ना आदि चेक किए जाते हैं। अधिकांश वाहन हिमाचल क्षेत्र के स्टोन क्रेशर से आते हैं। किसी भी ओवरलोड वाहन को शहर के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता, इससे पहले उन पर कार्रवाई कर दी जाती है।