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दस्तक टाइम्स एजेंसी/चेन्नई-भारत में सार्वजनिक स्थानों पर हर रोज आपको सेनिटेशन की समस्या से दो चार होना पड़ता है, इन स्थानों पर या तो शौचालय कम होते हैं या फिर गंदे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद हालात बताते हैं कि तस्वीर सुधरने में अभी वक्त लगेगा। पर दक्षिण भारतीय शहर चेन्नई ने भारत की इस समस्या को लेकर जो तस्वीर पेश की है वो उम्मीदें जगाने वाली है।
चेन्नई में भारत का पहला सेल्फ क्लीनिंग स्मार्ट ट्वाइलेट इंसटाल किया गया है। चेन्नई में 183 स्मार्ट ई-ट्वाइलेट्स इंस्टाल किए गए हैं। यह भारत का ऐसा पहला प्रोजेक्ट है।
इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि आप इन्हें एक एंड्रॉइड एप ‘ई-टॉइलेट’ के जरिए ढूंढ़ सकते हैं। साथ ही आप इन पर अपने सुझाव और शिकायतें भी दर्ज कर सकते है।
इतना ही नहीं ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन एक सेकेण्ड्री एप से कहीं से भी यह जान सकते हैं कि टॉइलेट में सफाई और पानी की क्या स्थिति है।
जैसे ही आप इनमें प्रवेश करेंगे उससे पहले मशीनों द्वारा सफाई और प्रयोगकर्ता के जाने के बाद फिर से सफाई होती है। यह स्मार्ट टॉइलेट पुराने टॉइलेट्स की अपेक्षा कम बिजली और पानी खर्च करते हैं।
ऐसे एक शौचालय के निर्माण में करीब 4,50, 000 रुपए खर्च होते हैं पर इसके इस्तेमाल के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। शहर के 183 शौचालय में से 40 महिलाओं के लिए हैं।
शारीरिक रुप से कमजोर लोगों के लिए भी 5 शौचालयों का निर्माण किया गया है। इनमें से कुछ शौचालय सौर ऊर्जा से चलते हैं।
आप को बता दें कि भारत में 60 प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं। ऐसे में यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से भारत की तस्वीर बदलने में मदद कर सकता है।