चौतरफा घिरे यादव सिंह, हुए भूमिगत!
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नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के मुख्य अभियंता यादव सिंह पर अब प्राधिकरण भी कभी भी कार्रवाई कर सकता है। 27 नवम्बर की सुबह आयकर के छापे के बाद यादव सिंह पर चोरों तरफ से शिकंजा कसता जा रहा है। बता दें कि आयकर के छापे के बाद यादव सिंह को प्राधिकरण में कामर्कि विभाग में शिफ्ट कर दिया गया था। उसके बाद से यादव सिंह एक भी दिन कार्मिक में नहीं आए। इसी बात पर प्राधिकरण अब उन पर कार्रवाई का मन बना लिया है। क्योंकि बिना किसी सूचना के अपने दफ्तर से गायब हैं।अधिकारिक सूत्रों की माने तो यादव सिंह पर पहले से प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की नजर है। आयकर छापे के बाद जिस तरह से उन पर शिकंजा कस रहा है ऐसे मौके पर उनके विरोधी भी बदला लेने का कोई मौका नहीं छोडऩा चाहते हैं। प्राधिकरण में इन दिनों केवल यादव सिंह प्रकरण की ही चर्चा हो रही है। इसके अलावा सभी कर्मचारी व अधिकारी आयकर के के छापे के डर से भयभीत हैं। प्राधिकरण का कोई भी इस प्रकरण पर बोलने को तौयार नहीं हो रही है।
भय का सबसे ज्यादा असर इंजीनियरों में देखा जा रहा है। क्योंकि उनका सीधा जुड़ाव यादव सिंह से है। उन लोगों को डर सता रहा है कि उनके घर भी कभी आयकर का छापा पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो यादव सिंह का रसूख इतना था कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा के चेयरमैन व सीईओ रमा रमण को भी वह कुछ नहीं समझता था। इसके साथ ही प्राधिकरण में आईएएस लॉबी भी यादव सिंह को बख्सने के मूड में नहीं है। क्योंकि यादव सिंह का शातिर दिमाग अच्छे अच्छे डिग्रीधारी व आईएसएस अधिकारियों को भी नाको चने चबाने पर मजबूर कर रहा था। दूसरा पहलू यह कि प्राधिकरण मेें ईमानदारी का तमगा लेकर घूमने वाले अधिकारी भी यादव सिंह प्रकरण के बाद से आयकर की जद में आ गए हैं।