पटना: भाजपा के समर्थन के बाद बिहार की सत्ता में एक बार नीतीश कुमार की वापसी हुई। नीतीश ने आज एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ग्रहण की। नीतीश के साथ सुशील कुमार मोदी ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने नीतीश-सुशील मोदी को शपथ दिलाई। इसी के साथ बिहार में नए गठबंधन की शुरुआत हो गई है। अन्य मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण 28 जुलाई को कराने का निर्णय लिया है। बता दें कि नीतीशने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बिहार की सियासत में भूकम्प ला दिया। जद (यू) विधायक दल की बैठक के बाद नीतीश ने राजभवन जाकर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना त्याग पत्र सौंपा, जिसे उन्होंने देर रात स्वीकार कर लिया था। वहीं नीतीश कुमार के इस्तीफे के 3 घंटे के अंदर ही भाजपा ने उन्हें नई सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की घोषणा कर दी और राज्यपाल को इससे संबंधित पत्र भी सौंप दिया।
देर रात हुई बीजेपी और जेडीयू की साझा बैठक
बुधवार को देर रात भाजपा और जेडीयू के विधायकों की साझा बैठक भी हुई जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया और बिहार में कुछ ही घंटों में राजनीतिक घटनाक्रम पूरी तरह से बदल गया। सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरा भरोसा और उनकी सरकार को भाजपा समर्थन करेगी। सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा जेडीयू के साथ मिलकर सरकार में शामिल रहेगी।
सामने आया नीतीश के दिल का दर्द
इस्तीफा देने के बाद राजभवन से बाहर निकलकर नीतीश ने इस्तीफा देने की वजह बताई। नीतीश ने कहा कि हमने 20 महीने तक गठबंधन की सरकार चलाई है। हमसे जितना मुमकिन हुआ उतना गठबंधन धर्म को निभाया। हमने चुनाव के दौरान जनता से जो वायदे किए उन पर काम करने की हर मुमकिन कोशिश की। लगातार बिहार के लिए काम किया। बिहार में शराबबंदी जैसा सामाजिक फैसला किया। विपक्षी एकता पर नीतीश ने कहा कि हम विपक्षी एकता के साथ हैं मगर कोई एजैंडा तो हो। राष्ट्रपति चुनाव में हमने रामनाथ कोविंद का समर्थन किया। वह बिहार के राज्यपाल रहे हैं। उसके बाद हमारे ऊपर जाने क्या-क्या आरोप लगाए गए? हमारी और उनकी सोच का दायरा भी अलग है इसलिए मैंने अपनी अंतर्रात्मा की आवाज सुनी और अपना त्याग पत्र दे दिया।