रायपुर (6 अक्टूबर) :छत्तीसगढ़ में आसाराम सर्मथकों की ओर से स्कूलों में बंटवाई गई किताबों पर हंगामा मच गया है। ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश ज्ञान परीक्षा’ के लिए जो किताबें बंटवाई गईं, उनमें सेक्स एजुकेशन के नाम पर आपत्तिजनक बातें लिखी हैं। ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश’ नाम की इस किताब में सेक्स पावर बढ़ाने और सेफ सेक्स के टिप्स दिए गए हैं। जबकि किताब के कवर पर हनुमान जी के अलावा भीष्म पितामह, स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, समर्थ रामदास, स्वामी लीलाशाह महाराज और महर्षि रमण की तस्वीरें भी छपी हैं। सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी है, लेकिन इन किताबों को हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे पढ़ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इस किताब के आधार पर आसाराम समर्थकों ने महासमुंद के कुछ स्कूलों में परीक्षा भी ले ली है। छत्तीसगढ़ सरकार की एक पुरानी चिट्ठी के आधार पर जेल में बंद आसाराम की इमेज को सुधारने के लिए उनके समर्थकों ने स्कूलों के नाम जिला शिक्षा अधिकारी से आदेश लिया था। मामले ने तूल पकड़ा तो बैकफुट पर आए एजुकेशन डिपार्टमेंट ने परीक्षा लेने का ऑर्डर रद्द कर दिया। लेकिन यह परीक्षा जिस बुक के बेस पर होनी थी, वह तो स्कूलों में बांटी जा चुकी है। केवल महासमुंद जिले में ऐसी 5 हजार किताबें बांटी गई हैं। बच्चों के बैग में मौजूद इस किताब ने एजुकेशन डिस्ट्रिक्ट के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
महासमुंद और आसपास के कई स्कूलों में आसाराम के समर्थकों ने परीक्षा ली है। योग वेदांत सेवा समिति के सदस्यों ने दावा किया कि स्कूलों ने आसानी से परीक्षा लेने दी। इसके लिए बच्चों से फीस भी ली गई थी। जानकारी मिली है कि महासमुंद के पांच स्कूलों में शुक्रवार को यह परीक्षा एक साथ ली गई।
किताब का प्रकाशन महिला उत्थान ट्रस्ट के जरिए हुआ है। किताब के दूसरे पन्ने से ही सेक्स एजुकेशन दी जाने लगी है। सवाल और जवाब की शैली में लिखी इस किताब में सेक्स रिलेशन पर काफी जानकारी दी गई है। पेज पांच पर बच्चों और पैरेंट्स के नाम आसाराम का मैसेज भी है।
महासमुंद के जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश परीक्षा’ के लिए जो किताब स्कूलों में बंटवाई गई है, उसे तुरंत वापस मंगवाकर जब्त किया जाएगा।