रायपुर। छत्तीसगढ़ में रोमन भी आए थे। इसका प्रमाण राजिम में चल रहे पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिला है। सूबे के राजिम में खनन के दौरान रोमन की प्रतिमा प्राप्त हुई है। यहां मिले सैनिक के चेहरे की आकृति की लंबी नाक बड़ी-बड़ी आंखें लंबे चेहरे से पता चल रहा है यह किसी यूरोपीय व्यक्ति की आकृति है। यह मूर्ति 2 ००० साल पुरानी है। खनन का काम देख रहे पुरातत्वविद् डॉ. अरुण शर्मा ने बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा में रोमन के आने का प्रमाण मिला है लेकिन दक्षिण कौशल (छत्तीसगढ़) में रोमन लोगों के आने का प्रमाण नहीं मिला था। यहां खुदाई के दौरान रोमन की मूर्ति प्राप्त होने से यह खाली स्थान भी आज पूरा हो गया। रोमन सैनिक की यह मूर्ति हेलमेट लगाए हुए प्राप्त हुई है। मूर्ति मिप्ती से बनी हुई है जो पकाई हुई है। रोमन सैनिक की इतनी बढ़िया आकृति कोई कलाकार तब तक नहीं बना सकता जब तक वह सैनिक के चेहरे की आकृति अच्छी तरह देख न ले। लंबी नाक बड़ी-बड़ी आंखें लंबा चेहरा से पता चल रहा है यह किसी यूरोपियन की आकृति है। शर्मा ने बताया कि और अधिक खुदाई पर हमें आशा है कि रोमन बर्तन भी प्राप्त होंगे। जानकारों का कहना है कि रजिम की व्यापारिक ख्याति सुनकर रोमन यहां आए होंगे। उत्खनन स्थल से ही प्रचुर मात्रा में सोने-चांदी के जवाहरात बनाने के सांचे मिल रहे हैं। इसके अलावा सात कमल की पंखुड़ियां लगे सील हिरण की प्रतिमा तथा हिरण की वास्तविक सिंग प्राप्त हुए हैं जो 22०० साल पुरानी है। उल्लेखनीय है कि यहां विगत दो माह से लगातार उत्खनन का कार्य चल रहा है।