उत्तराखंडराज्य

देश की 265 नदियां सूखने को, नहीं चेते तो मचेगा हाहाकार

रामनगर: अगर आज भी हम न चेते तो देश में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है। यह बात पर्यावरणविद पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कही। डॉ. जोशी पालिका के ऑडीटोरियम हॉल में स्कूली बच्चों व जनता को संबोधित कर रहे थे। कल्पतरु वृक्ष मित्र संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. जोशी ने कहा कि कैसी विडंबना है कि आज देश की 265 नदियां सूखने की कगार पर हैं और इसकी चिंता किसी को नहीं है। वो बोले अगर इस गंभीर समस्या पर ध्यान न दिया गया तो आने वाले समय पर देश में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है। वह नेताओं और फिल्मी अभिनेताओं पर भी तंज कसने से नहीं चूके।देश की 265 नदियां सूखने को, नहीं चेते तो मचेगा हाहाकार

उन्होंने कहा कि पूरे देश में बंद बोतलों का पानी बेचने के लिए बाजार खड़ा कर दिया गया। वह भी प्लास्टिक की बोतल में। कहा कि टीवी पर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर व हेमा मालिनी आज प्यूरीफायर बेचते दिखायी देते हैं। हम उन्हीं को अपना आदर्श मान रहे हैं। कहा कि अपना हीरो उसे बनाओ जो समाज के लिए बिना किसी स्वार्थ के अच्छा काम कर रहा हो। 

पदमश्री डॉ जोशी ने बच्चों से कहा कि अपने जन्मदिन पर केक जरूर काटें, लेकिन उस दिन एक पौधा भी लगाएं, जो आगे चलकर पर्यावरण सुरक्षा में अपना योगदान दे सके। उन्होंने कहा कि जैसे मानव शरीर में धमनियां सूख जाने पर मनुष्य अनेक व्याधियों से घिर जाता है। ठीक वैसे ही नदियां भी एक धमनी की तरह है। जो आज सूख रही हैं। यदि इन्हें नहीं बचाया गया तो देश के खेत खलिहान सब तबाह हो जाएंगे। देश सूखे और महामारी की जद में आ जाएगा। लोगों से यह भी अपील की किसी परिजन की मृत्यु हो जाने पर उसकी अस्थियां नदी में प्रवाहित न करें। उन अस्थियों को जमीन में गड्ढ़ा बनाकर उसमें एक पौध लगा दें ताकि आने वाले समय में वह एक वृक्ष के रूप में आपके प्रियजन की याद दिलाता रहेगा। 

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